Updated : 5:20
India Pakistan Ceasefire: सीज़फायर क्या है? यह कब लागू किया जाता है, जानिए सीज़फायर से जुड़े एक-एक सवाल के बारे में
महक अरोड़ा
12 मई 2025 : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। भारत ने 6-7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसके बाद सभी ने भारतीय सेना की हिम्मत और बहादुरी को सलाम किया।
इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया गया, लेकिन भारतीय सेना भी पीछे नहीं हटी। उन्होंने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। भारत ने हवाई रक्षा प्रणालियों, जिनमें S-400 भी शामिल थी, का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के सभी ड्रोन को मार गिराया और पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों का सख्त जवाब दिया।
इन सबके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव जारी रहा। लेकिन इसी बीच 10 मई को शाम 5 बजे दोनों देशों के बीच संघर्षविराम (Ceasefire) पर समझौता हो गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि दोनों देश संघर्षविराम लागू करने के लिए सहमत हो गए हैं। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी यह जानकारी दी।
लेकिन अब इस सबके बाद बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें यह नहीं समझ आ रहा कि आखिरकार Ceasefire क्या है और इससे जुड़े और भी कई सवाल। आज के इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
सीज़फायर क्या है? आसान भाषा में पूरी जानकारी
सीज़फायर यानी संघर्ष विराम—जब दो देशों के बीच लड़ाई या गोलीबारी होती है और दोनों आपसी सहमति से फैसला करते हैं कि अब गोलीबारी बंद कर दी जाएगी, तो इसे “सीज़फायर” कहा जाता है। यह एक सैन्य कार्रवाई को रोकने का समझौता होता है, जो अस्थायी (एक निश्चित समय के लिए) या स्थायी (हमेशा के लिए) हो सकता है। इसका उद्देश्य होता है—युद्ध को रोकना, नागरिकों की रक्षा करना, और शांति की दिशा में पहला कदम उठाना।
सीज़फायर की ज़रूरत क्यों पड़ती है?
सीज़फायर केवल गोलीबारी रोकने के लिए नहीं होता। इसके पीछे कई मानवीय, राजनीतिक और रणनीतिक कारण होते हैं:
1. जब टकराव बढ़ता है और दोनों देशों को नुकसान हो रहा होता है, तब इसकी ज़रूरत होती है।
2. जब सरहद पर रहने वाले आम नागरिक खतरे में होते हैं।
3. जब ज़ख़्मी सैनिकों और नागरिकों को राहत प्रदान करने की ज़रूरत होती है।
4. टकराव वाले स्थान पर दवाइयों या भोजन की आपूर्ति भेजनी होती है।
5. बातचीत के लिए एक माहौल बनाना ज़रूरी होता है ताकि स्थायी शांति की शुरुआत की जा सके।
6. अंतरराष्ट्रीय दबाव होना चाहिए कि अब लड़ाई बंद हो जाए।
सीज़फायर के प्रकार:
1. अस्थायी संघर्षविराम:
कुछ घंटों, कुछ दिनों, या किसी खास मिशन के लिए दिया गया।
2. अनिश्चितकालीन संघर्षविराम:
इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं होती, लेकिन यह तय होता है कि जब तक ज़रूरी न हो, गोली नहीं चलाई जाएगी।
3. स्थायी संघर्षविराम:
जब दो देश या गुट एक स्थायी समझौता करते हैं कि भविष्य में कोई युद्ध नहीं होगा।
सीज़फायर का उल्लंघन क्या है?
जब कोई देश संघर्षविराम के नियमों का उल्लंघन करता है, यानी सहमति वाले समय और समझौते के बावजूद गोलीबारी करता है, तो इसे संघर्षविराम का उल्लंघन कहा जाता है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि पाकिस्तान अक्सर समझौते के बाद भी LOC पर गोलीबारी करता है-जिसके परिणामस्वरूप न केवल हमारे सैनिकों की मौत होती है बल्कि सरहद पर रहने वाले मासूम नागरिक भी शहीद होते हैं। संघर्षविराम का उल्लंघन करने वाले देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शक की नजर से देखा जाता है।
संघर्षविराम सिर्फ बंदूकें नहीं रोकता बल्कि उम्मीदें जगाता है—
संघर्षविराम का मतलब सिर्फ यह नहीं कि गोलीबारी बंद हो जाए। इसका मतलब है कि शायद एक नई शुरुआत की कोशिश की जा रही है—जहां शांति का रास्ता खोजा जाए।
लेकिन जब कोई देश बार-बार इसका उल्लंघन करता है, तो उसे बराबर सख्त जवाब देना ज़रूरी हो जाता है। भारत ने कई बार संयम बरता है, लेकिन अब नई सरकार का रुख स्पष्ट है—अगर वहां से गोलियां चलाई जाएंगी तो जवाब भी गोलियों से ही मिलेगा।
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