दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहली बार पैतृक गांव नंदगढ़ पहुंचीं, भव्य जनसभा और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
बाबूशाही ब्यूरो
जुलाना (जींद), 19 जुलाई 2025:
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज पहली बार अपने पैतृक गांव नंदगढ़ पहुंचीं, जहां उनका भव्य और परंपरागत स्वागत किया गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने जुलाना पहुंचकर उनका जोरदार स्वागत किया। यह दौरा रेखा गुप्ता के जन्मदिन के खास मौके पर हुआ, जिसे लेकर पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल रहा।
गांव में ऐतिहासिक जनसभा
रेखा गुप्ता के सम्मान में गांव के स्टेडियम में छह एकड़ में विशाल जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें चार एकड़ में वाटरप्रूफ टेंट लगाकर मौसम से बचाव की व्यवस्था की गई। गांववासियों ने बेटी के स्वागत में पूरे गांव को सजाया और पारंपरिक परिधानों में शामिल होकर खुशियां मनाईं।
पारंपरिक पकवान और कोथली भेंट
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए विशेष झूला सजाया गया, वहीं जींद के चार भाजपा विधायकों ने उन्हें सावन की कोथली भेंट कर परंपरागत सम्मान दिया। मेहमानों के लिए देसी घी से बने चूरमा, खीर, गुलगुले और सुहाली जैसे हरियाणवी व्यंजन परोसे गए। गांव के चांदराम परिवार ने उनके पुश्तैनी मकान को सजाकर पुनः जीवंत कर दिया।
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री एक मंच पर
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि दिल्ली की मुख्यमंत्री के साथ मंच पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर उन्होंने 16 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से बनने वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
इनमें शामिल हैं:
- नंदगढ़ में ई-लाइब्रेरी (₹8 लाख)
- इंडोर जिम (₹10.87 लाख)
- उप-स्वास्थ्य केंद्र (₹55.5 लाख)
- पुल निर्माण (₹2.35 करोड़)
- सड़क निर्माण (₹90.56 लाख)
- निडाना और किनाना गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की आधारशिला
प्रशासन की पुख्ता व्यवस्था
दोनों मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के सख्त इंतजाम किए। पूरे जुलाना क्षेत्र में पुलिस तैनात रही। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा, मंत्री कृष्ण बेदी, और विधायक रामकुमार गौतम व देवेंद्र अत्री भी उपस्थित रहे।
नंदगढ़ से रेखा गुप्ता का गहरा रिश्ता
रेखा गुप्ता का जन्म 19 जुलाई 1974 को नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके दादा मनीराम और परदादा गंगाराम गांव में दुकान चलाते थे। बाद में उनका परिवार जुलाना होते हुए दिल्ली चला गया। रेखा गुप्ता के पिता जयभगवान बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थे। रेखा ने दिल्ली में एलएलबी की पढ़ाई की और कुछ समय तक वकालत भी की। राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हुए वे दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं और आज अपनी जन्मभूमि लौटकर भावुक भी नजर आईं।
गांववासियों के लिए यह दिन एक ऐतिहासिक अवसर बन गया, जब उनकी "बेटी" मुख्यमंत्री बनकर लौटी और विकास के नए द्वार खोल गई।
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