Trident Group की ‘Parali Samadhan’ पहल: प्रदूषण पर लगेगा ब्रेक, खेतों से निकलेगी स्वच्छ ऊर्जा की राह! [वीडियो देखें]
बाबूशाही ब्यूरो
लुधियाना (पंजाब), 12 नवंबर 2025 : हर साल जब उत्तर भारत में फसल की कटाई का मौसम खत्म होता है, तो हज़ारों एकड़ खेतों में पराली जलाई जाती है। खेतों से उठता धुआं न सिर्फ हवा को ज़हरीला बना देता है, बल्कि लाखों लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल देता है।
लेकिन, ट्राइडेंट ग्रुप (Trident Group) — जो भारत की अग्रणी टेक्सटाइल और पेपर निर्माण कंपनियों में से एक है — ने इस बार एक अलग राह चुनी है। कंपनी ने अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल के तहत ‘पराली समाधान (Parali Samadhan)’ कार्यक्रम शुरू किया है, जो पर्यावरण को बचाने और किसानों की मदद करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या है ‘पराली समाधान’ पहल?
‘पराली समाधान’ अभियान के तहत ट्राइडेंट ग्रुप खेतों से पराली (फसल का बचा हुआ हिस्सा) को इकट्ठा करता है ताकि किसानों को इसे जलाने की ज़रूरत न पड़े। कंपनी इस पराली को जलाने की बजाय इसका उपयोग बायोफ्यूल (biofuel) और अन्य पर्यावरण-हितैषी उत्पादों (eco-friendly materials) के निर्माण में करती है।
इससे न केवल खेतों में प्रदूषण रुकता है बल्कि इस “कचरे” को एक कीमती संसाधन में बदल दिया जाता है, जिससे किसानों की आय भी बढ़ती है।
प्रदूषण भी घट रहा, रोजगार भी मिल रहा
कंपनी का कहना है कि यह पहल न केवल लाखों लोगों की जान को खतरे में डालने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद करती है, बल्कि इस प्रक्रिया से लोगों की आजीविका को भी समर्थन मिल रहा है।
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