सरल पोर्टल बना युवाओं के अधिकारों में बाधा, सरकार तुरंत समाधान करे: कुमारी सैलजा
उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दिवंगत यात्रियों और पायलट को दी श्रद्धांजलि
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 15 जून।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार का बहुचर्चित सरल पोर्टल अब युवाओं के लिए सुविधा नहीं, बल्कि संकट का कारण बनता जा रहा है। सरकार द्वारा 31 मार्च 2025 के बाद बने प्रमाण पत्रों को ही वैध मानने की शर्त पहले से बने वैध दस्तावेज़ों को अस्वीकार करने जैसा अन्याय है। इससे हजारों पात्र युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा हैै कि हजारों युवाओं ने ओबीसी, अनुसूचित जाति (एससी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन किया है, लेकिन या तो पोर्टल बार-बार क्रैश हो रहा है, ओटीपी नहीं आ रहा या फिर प्रमाण पत्रों में जाति की गलत प्रविष्टि हो रही है। यह केवल तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से सामाजिक न्याय से वंचित करने की साजिश प्रतीत होती है। सरकार द्वारा 31 मार्च 2025 के बाद बने प्रमाण पत्रों को ही वैध मानने की शर्त पहले से बने वैध दस्तावेज़ों को अस्वीकार करने जैसा अन्याय है। इससे हजारों पात्र युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है। इतना ही नहीं जाति प्रमाण की जगह मृत्यु प्रमाण मांगा जाता है तो कभी कभी डाटा अपलोड ही नहीं होता।
सांसद ने सरकार से मांग की है कि सरल पोर्टल को तुरंत तकनीकी रूप से स्थिर और उपयोगी बनाया जाए, 31 मार्च 2025 के बाद की अनिवार्यता को हटाया जाए और पूर्व में बने वैध प्रमाण पत्रों को मान्यता दी जाए, जो जाति प्रमाण पत्र गलत छप रहे हैं, उन्हें तत्परता से संशोधित कर फिर से जारी किया जाए, अंतिम तिथि को आगे बढ़ाना केवल दिखावा न हो, बल्कि उसके पहले पोर्टल की सभी खामियाँ दूर की जाएं, सामाजिक न्याय के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं होगा। सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा कि वे युवाओं और अभिभावकों के साथ इस संघर्ष में मजबूती से खड़ी हैं और इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाऊँगी।
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उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटना गंभीर प्रशासनिक विफलता का संकेत
सिरसा से कांग्रेस की सांसद एवं उत्तराखड़ की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा हैै कि उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति अब केवल चिंता का विषय नहीं, बल्कि एक गंभीर प्रशासनिक विफलता का संकेत है। बीते कुछ सप्ताहों में पांचवीं दुर्घटना और रविवार को सात निर्दोष लोगों की मृत्यु, यह किसी भी जिम्मेदार शासन के लिए आत्मचिंतन का विषय होना चाहिए।
मैं सभी दिवंगत यात्रियों व पायलट को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि शोकाकुल परिवारों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्राप्त हो। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी भीषण घटनाओं के बावजूद न कोई निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच की गई, न सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा हुई।
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