गुमशुदा व्यक्तियों की वापसी में अग्रणी बनी हरियाणा पुलिस, मानवीय सेवा का रचा नया कीर्तिमान
– गुमशुदगी के मामलों में संवेदनशीलता और तकनीकी दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण
रमेश गोयत
पंचकूला/चंडीगढ़, 22 मई। हरियाणा पुलिस ने लापता व्यक्तियों की सकुशल वापसी सुनिश्चित कर देशभर में एक अनुकरणीय मिसाल कायम की है। राज्य में गुमशुदा व्यक्तियों के प्रत्येक मामले में 100 प्रतिशत एफआईआर दर्ज की जाती है, जो पुलिस की संवेदनशीलता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसका प्रत्यक्ष परिणाम यह है कि दर्ज कुल मामलों में से लगभग 80 प्रतिशत गुमशुदा लोगों को उनके घरों तक सकुशल पहुंचाया गया है।
हरियाणा पुलिस न केवल राज्य में बल्कि पड़ोसी राज्यों और नेपाल तक से लापता लोगों को ढूंढकर उनके परिजनों से मिलवाने में सफल रही है। इसमें कई ऐसे जटिल मामले भी शामिल हैं, जिनमें लापता व्यक्ति मूकबधिर या मानसिक रूप से असमर्थ थे। इन मामलों में पुलिस की तकनीकी दक्षता और मानवीय दृष्टिकोण की प्रशंसा की जा रही है।
महिला एवं बाल अपराधों में उत्कृष्ट कार्यप्रणाली
वर्ष 2023 और 2024 के दौरान हरियाणा पुलिस ने अपहरण और महिला-बाल अपराधों के मामलों में प्रभावशाली कार्य करते हुए आईपीसी की धाराओं 363, 366 और 366ए के तहत दर्ज मामलों में क्रमशः 93.11%, 95.83% और 92.08% (2023) तथा 88.89%, 90.45% और 89.30% (2024) की रिकवरी दर प्राप्त की। आईपीसी की धारा 346 (गुमशुदगी) में भी पुलिस ने 87.17% (2023) और 84.75% (2024) सफलता दर हासिल की।
मिशन मोड जांच प्रणाली ने रचा नया मानदंड
हरियाणा पुलिस की मिशन मोड प्रणाली ने असत्य या तकनीकी त्रुटियों वाले मामलों को समय पर निरस्त कर न्याय व्यवस्था पर बोझ कम किया है। चार्जशीट दर में वृद्धि, फरार मामलों की न्यूनता और कम अंडर ट्रायल केस पुलिस की समयबद्ध और सटीक जांच प्रणाली का प्रमाण हैं।
2025 की पहली तिमाही में 78.1% रिकवरी दर
1 जनवरी से 31 मार्च 2025 तक हरियाणा पुलिस ने कुल 4361 गुमशुदगी के मामलों में से 3406 लोगों को सकुशल उनके घर पहुंचाया। महिलाओं और बच्चों के संबंध में दर्ज गंभीर अपराधों में भी औसतन 75-80% सफलता प्राप्त हुई। विवेकपूर्ण जांच के अंतर्गत 3361 मामलों को कानूनी रूप से निरस्त कर समय और संसाधनों की बचत सुनिश्चित की गई।
हर लापता व्यक्ति की वापसी – एक परिवार को पूर्णता देना
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा, “हर लापता व्यक्ति की वापसी एक केस नहीं, बल्कि एक परिवार को जीवन की पूर्णता देना है। हमारी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट इस सेवा का प्रतीक है, जो कानूनी जिम्मेदारी से कहीं अधिक, सामाजिक भरोसे की नींव बन चुकी है।”
20 वर्षों से अधिक समय से लापता 44 व्यक्तियों को परिजनों से मिलाया
एएचटीयू द्वारा पिछले डेढ़ वर्ष में की गई कार्रवाई में 20 वर्षों से अधिक समय से लापता 44 व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलवाया गया। इसके अतिरिक्त, 16 वर्ष से अधिक से गुमशुदा 22, 11 वर्ष से अधिक समय से लापता 47, और 6 वर्ष से अधिक समय से बिछड़े 54 व्यक्तियों की वापसी भी सुनिश्चित की गई है। हरियाणा पुलिस की यह पहल न केवल कानून व्यवस्था की सफलता है, बल्कि यह समाज के पुनर्संयोजन और मानवीय सेवा का एक उल्लेखनीय उदाहरण भी है। अन्य राज्य पुलिस इकाइयों को इससे प्रेरणा लेकर ऐसी मानवीय संवेदनाओं पर आधारित पुलिसिंग को अपनाना चाहिए।
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