Himachal News: 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर रोक; जलाशयों के किनारे मत्स्य विभाग ने जमाया डेरा, अवैध शिकार पर कड़ी नजर
बाबूशाही ब्यूरो
बिलासपुर, 18 जून 2025 : प्रदेश के जलाशयों में आगामी दो महीने के लिए मत्स्य आखेट पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब 15 अगस्त तक मछली पकड़े पर पाबंदी रहेगी क्योंकि यह समय मछलियों का प्रजननकाल होता है।
ऐसे में प्रदेश के पांच जलाशयों क्रमश: गोबिंदसागर, पौंग, चमेरा, कोलडैम और रणजीत सागर में मछली का शिकार नहीं किया जा सकेगा। वर्तमान में गोबिंदसागर, पौंग, चमेरा, कोलडैम और रणजीत सागर का क्षेत्रफल 43785 हेक्टेयर के करीब है। इसमें 6300 से अधिक मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं, जबकि प्रदेश के सामान्य जलाशयों में ट्राउट पकड़ी जाती है, जिसकी लंबाई 2400 किलोमीटर के लगभग है। इनमें 6300 से अधिक मछुआरे फैंकवां जाल के साथ मछली पकड़ने के कार्य में लगे हैं।
इस वर्ष बिलासपुर में कुल 20 कैंप लगेंगे, जिसमें गोबिंदसागर झील में 17 व कोलडैम में तीन कैंप शुमार हैं। साथ ही एक उड़नदस्ता भी तैनात रहेगा। इसी तरह पौंगडैम में कुल 17 कैंप और एक उड़नदस्ता जबकि चंबा के चमेरा में कुल पांच कैंप लगाए जाएंगे। चमेरा में तीन तथा रणजीत सागर में दो कैंप लगेंगे और एक उड़नदस्ता का गठन किया है।
मछली का शिकार करते पकड़े जाने पर तीन साल कैद अथवा पांच हजार तक का जुर्माना या फिर दोनों सजा एक साथ का भी नियमों में प्रावधान है। (SBP)
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