हरियाणा में लागू होगी नई मॉडल ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी, कर्मचारियों को मिलेगा पारदर्शी व निष्पक्ष तबादला सिस्टम
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 24 मई: हरियाणा सरकार ने अपने कर्मचारियों के तबादलों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी अधिसूचना के तहत राज्य में मॉडल ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को अधिसूचित किया गया है। इस नीति के तहत विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का तर्कसंगत, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से तबादला किया जाएगा, जिससे प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा और कर्मचारियों में कार्य संतुष्टि भी बढ़ेगी।
कौन से कर्मचारी आएंगे पॉलिसी के दायरे में?
यह नीति उन सभी विभागों के नियमित कर्मचारियों पर लागू होगी, जहां किसी काडर की स्वीकृत क्षमता 50 या उससे अधिक है।
अखिल भारतीय सेवाएं (AIS), हरियाणा सिविल सेवाएं (HCS-कार्यकारी शाखा) और एलाइड सर्विसेज फिलहाल इस नीति के दायरे से बाहर रहेंगी, लेकिन सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से इस नीति को 50 से कम काडर वाले विभागों में भी लागू किया जा सकता है।
मुख्यालय पदों समेत काडर के सभी पद इस नीति में शामिल होंगे।
कब से लागू होगी पॉलिसी?
अधिसूचना के 15 दिनों के भीतर सभी विभागों को अपने-अपने काडर की सूची तैयार कर प्रकाशित करनी होगी। साथ ही, निर्धारित कार्यकाल, न्यूनतम कार्यकाल और इकाई की जानकारी भी सार्वजनिक की जाएगी।
इसके बाद हर साल ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया चलाई जाएगी, जिससे नियमित तबादले होंगे। विशेष परिस्थितियों में मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किसी भी समय तबादला किया जा सकता है।
कैसे तय होंगे तबादले? – 80 अंकों का मेरिट स्कोर
तबादले की प्रक्रिया पूरी तरह से मेरिट स्कोर आधारित होगी। इसके लिए 80 अंकों का स्कोर कार्ड बनाया गया है:
मापदंड अंक
आयु (दिनों में, 365 से विभाजित) अधिकतम 60 अंक
महिलाओं को विशेष अंक 10 अंक
40 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित महिलाएं, विधवाएं, तलाकशुदा महिलाएं 10 अंक
तलाकशुदा, विधुर पुरुष (नाबालिग बच्चे/अविवाहित बेटियां) 10 अंक
कपल केस में कार्यरत जीवनसाथी 5 अंक
सैन्य/अर्धसैनिक बल के जीवनसाथी 10 अंक
गंभीर बीमारी वाले कर्मचारी या परिवारजन 10 अंक
100% दिव्यांग या मानसिक रूप से कमजोर बच्चों वाले कर्मचारी 10 अंक
40% से अधिक दिव्यांगता वाले कर्मचारी 20 अंक
गंभीर बीमारियों की सूची में हार्ट डिजीज, कैंसर, किडनी फेलियर, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, एड्स, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, पैरालिसिस, स्किजोफ्रेनिया जैसी बीमारियां शामिल हैं। इन मामलों में मेडिकल बोर्ड से प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा।
ट्रांसफर प्रक्रिया की मुख्य बातें:
पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल (एचआरएमएस से लिंक) के माध्यम से चलाई जाएगी।
डेटा सत्यापन: कर्मचारियों को अपनी जानकारी जांचने के लिए 7 दिन का समय मिलेगा। आपत्ति न करने पर डेटा को अंतिम माना जाएगा।
ट्रांसफर ड्राइव: सभी कर्मचारियों को 3 से 7 दिनों के भीतर अपनी पसंदीदा यूनिट चुनने का अवसर मिलेगा। ओटीपी आधारित सिस्टम से उनकी सहमति ली जाएगी।
यदि कोई कर्मचारी विकल्प नहीं चुनता, तो उसे राज्य में कहीं भी तैनात किया जा सकता है।
सरप्लस कर्मचारी: जहां पदों की संख्या जरूरत से ज्यादा होगी, वहां सरप्लस कर्मचारियों का ट्रांसफर अनिवार्य होगा।
आदेश जारी: सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद तबादला आदेश जारी होंगे, जो 10 दिनों के भीतर लागू किए जाएंगे। आदेशों की अवहेलना करने वालों का वेतन रोका जाएगा।
आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया: तबादला आदेश के बाद कर्मचारी 15 दिनों के भीतर अपनी आपत्ति ऑनलाइन पोर्टल (intraharyana.nic.in) के माध्यम से दर्ज कर सकता है। आपत्ति का निपटारा भी 15 दिनों में किया जाएगा।
विशेष प्रावधान:
हाल ही में विवाहित, तलाकशुदा, विधवा महिलाओं को उनके चिकित्सा या पारिवारिक कारणों के आधार पर अस्थायी तबादला दिए जाने की व्यवस्था है। इसके लिए उनका केस मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
यह तबादला विशेष परिस्थितियों में ऑनलाइन प्रक्रिया से बाहर होकर किया जा सकेगा।
प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम
हरियाणा की यह मॉडल ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी राज्य में सरकारी कर्मचारियों के बीच भेदभाव रहित, पारदर्शी और कुशल तबादला प्रणाली लाने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे न केवल सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि कर्मचारियों में भी कार्य संतुष्टि बढ़ेगी।
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