मंडियों में पिट रही किसान की मक्का, आंखें बंद कर बैठी बीजेपी- हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 15 जून । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि एकबार फिर मंडियों में किसान की मक्का पिट रही है और सत्ताधारी बीजेपी आंखें बंद करे बैठी है। कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल, कैथल और आसपास के क्षेत्रों की मंडियों में मक्की की आवक जोरो पर है। लेकिन किसानों को 2400 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की बजाए सिर्फ 1000 से 1400 रुपये का ही रेट मिल रहा है। पूरी तरह सूख चुकी फसल का रेट भी ज्यादा से ज्यादा 1800 रुपये ही मिल रहा है।
हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार सत्ता में आने के बाद से न सिर्फ मक्की, बल्कि धान, गेहूं समेत तमाम फसलों की एमएसपी के लिए किसान तरस रहे हैं। इस सरकार ने तो बाकायदा कानून लाकर एमएसपी को खत्म करने की भी प्लानिंग कर ली थी। लेकिन किसान आंदोलन के चलते उसे कानून वापिस लेने पड़े। लेकिन अब सरकार अप्रत्यक्ष तरीके से अपने मंसूबों को अंजाम दे रही है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि सरकार द्वारा लगातार किसानों पर दबाव बनाया जाता है कि धान छोड़कर मक्का की खेती करो। इसके लिए हर साल प्रोत्साहन राशि का भी ऐलान किया जाता है। लेकिन हर बार किसानों को धोखा ही हाथ लगता है। ना उन्हें प्रोत्साहन राशि मिल पाती है और ना ही एमएसपी।
बीजेपी ने चुनावों से पहले वादा किया था कि सत्ता में आते ही धान को 3100 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर खरीदेंगे। बहकावे में आकर काफी किसानों ने बीजेपी वोट की। लेकिन सत्ता हथियाते ही उसने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। 3100 रुपये तो क्या, किसानों को एमएसपी तक नहीं दी गई।
हुड्डा ने बताया कि बीजेपी सरकार की नीतियों के कारण किसानों को लागत से भी कम दाम पर अपनी फसल बेचनी पड़ती है। 2025-26 विपणन सीजन के लिए गेहूं की एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल और धान की एमएसपी 2300 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है, लेकिन ये रेट सिर्फ कागजी साबित होते हैं। क्योंकि किसानों को मंडियों में गेहूं और धान 300 से 400 रुपये कम रेट पर बेचने को मजबूर होना पड़ता है। हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी किसानों के साथ विश्वासघाट करना छोड़कर सभी फसलों के लिए एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करे, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित दाम मिल सके।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →