क्या आत्महत्या का प्रयास अब अपराध नहीं रहा? – नई भारतीय न्याय संहिता (BNS) में बड़ा बदलाव
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 8 अक्तूबर, 2025
क्या आत्महत्या का प्रयास अब भी अपराध है?भारतीय न्याय संहिता (BNS) के लागू होने के बाद यह सवाल एक बार फिर चर्चा में है। पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 309 के तहत आत्महत्या करने का प्रयास अपराध माना जाता था, लेकिन नई न्याय संहिता के प्रावधानों ने इस कानून की धारणा को पूरी तरह बदल दिया है। अब सामान्य परिस्थितियों में आत्महत्या करने का प्रयास अपराध नहीं है, हालांकि अगर यह किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने या दबाव डालने के उद्देश्य से किया जाए, तो यह बी.एन.एस. की धारा 226 के तहत दंडनीय माना गया है।
महर्षि वाल्मीकि जयंती (7 अक्तूबर) के दिन हरियाणा कैडर के 2001 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार, जो आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) रैंक पर कार्यरत थे, ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर अपने निजी सुरक्षाकर्मी की पिस्तौल से स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। चंडीगढ़ पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी प्राप्त हुआ है, हालांकि उसका खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है। मामले की जांच जारी है। क्या आत्महत्या का प्रयास अब भी अपराध है? यह सवाल अब फिर चर्चा में है।
शास्त्रों में कहा गया है कि 84 लाख योनियों के बाद मनुष्य जन्म प्राप्त होता है और यह जीवन अनमोल माना गया है। फिर भी कई बार व्यक्ति सामाजिक, पारिवारिक या आर्थिक परिस्थितियों में मानसिक रूप से टूटकर आत्महत्या का प्रयत्न करता है।यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या में सफल होकर अपनी जान दे देता है, तो पुलिस पोस्टमार्टम और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मामला सामान्यतः बंद कर देती है। लेकिन यदि मृत्यु संदिग्ध हो या यह संदेह उत्पन्न हो कि किसी व्यक्ति ने मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाया है, या आत्महत्या के नाम पर हत्या की गई है, तो पुलिस आगे की जांच जारी रखती है।
कानूनी पहलू
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार
1 जुलाई 2024 से पहले तक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 309 के तहत आत्महत्या करने का प्रयत्न एक अपराध था। इसमें एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते थे। यह अपराध संज्ञेय (Cognizable) और जमानती (Bailable) था।लेकिन 1 जुलाई 2024 से लागू हुई नई भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.), 2023 में आत्महत्या करने का प्रयत्न सामान्यतः अपराध नहीं है। हालांकि, बी.एन.एस. की धारा 226 में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक (Public Servant) को अपने शासकीय कार्यों के निर्वहन से रोकने या उस पर दबाव डालने के उद्देश्य से आत्महत्या का प्रयत्न करता है, तो यह अपराध माना जाएगा।इस स्थिति में व्यक्ति को एक वर्ष तक की सादा कैद, जुर्माना या सामुदायिक सेवा की सजा दी जा सकती है।
उदाहरण के तौर पर:
अगर कोई व्यक्ति किसी पुलिस अधिकारी पर दबाव डालने के लिए यह धमकी दे कि “अगर आप मेरा केस दर्ज नहीं करेंगे तो मैं आत्महत्या कर लूंगा,” तो यह कृत्य धारा 226, बी.एन.एस. 2023 के तहत अपराध होगा। इसी तरह यदि कोई आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए आत्महत्या करने का प्रयास करता है ताकि पुलिस पर दबाव बने, तो यह भी अपराध की श्रेणी में आएगा।
राष्ट्रीय आंकड़े
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार— भारत में वर्ष 2023 में 1,71,418 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 72.8% पुरुष और 27.2% महिलाएं थीं।राज्यों के अनुसार:हरियाणा: 3,361पंजाब: 2,298चंडीगढ़: 150मुख्य कारणों में घरेलू कलह, विवाह संबंधी परेशानियां, गंभीर बीमारियां, नशा, आर्थिक कठिनाइयाँ और प्रेम संबंधी तनाव शामिल हैं। लगभग 61% ने फंदा लगाकर, 25% ने जहरीला पदार्थ खाकर, 4% ने पानी में डूबकर, 3% ने रेल/गाड़ी के आगे कूदकर, और 0.4% ने गोली मारकर आत्महत्या की।-
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →