कैट का आदेश: चंडीगढ़ पुलिस में 8 जाट कांस्टेबलों को ज्वॉइनिंग देने का निर्देश
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 8 मई 2025 — चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने चंडीगढ़ प्रशासन को कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण हुए आठ जाट उम्मीदवारों को ज्वॉइनिंग लेटर जारी करने का आदेश दिया है। यह फैसला कैट ने तब सुनाया जब याचिकाकर्ताओं ने पुलिस विभाग द्वारा उन्हें ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी के अंतर्गत न मानने के फैसले को चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ताओं ने ट्रिब्यूनल में दायर याचिका में बताया कि उन्होंने वर्ष 2024 में आयोजित कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी। इसके बावजूद, चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें ज्वॉइनिंग लेटर देने से इनकार कर दिया। पुलिस विभाग का तर्क था कि जाट समुदाय को ओबीसी श्रेणी में नहीं माना जाता, इसलिए वे इस कोटे के अंतर्गत नियुक्ति के हकदार नहीं हैं।
कैट ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित ओबीसी की परिभाषा चंडीगढ़ पर भी लागू होती है। जब केंद्र सरकार ने जाट समुदाय को ओबीसी श्रेणी में मान्यता दी हुई है, तो चंडीगढ़ प्रशासन या पुलिस विभाग (डीजीपी) अपनी ओर से इसे खारिज नहीं कर सकता।
कैट ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रशासन 2015 की नीति का हवाला देकर इन उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन नहीं कर सकता। ट्रिब्यूनल ने चंडीगढ़ पुलिस को आदेश दिया कि वह जल्द से जल्द इन आठ उम्मीदवारों को ज्वॉइनिंग लेटर जारी करे।
सुनवाई के दौरान, चंडीगढ़ प्रशासन ने अपनी दलील में कहा था कि 2015 की नीति के तहत जाट समुदाय को ओबीसी श्रेणी में नहीं रखा गया था, इसलिए उनकी नियुक्ति संभव नहीं है। हालांकि, कैट ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए कहा कि 2015 की नीति अब अप्रासंगिक है, क्योंकि केंद्र सरकार की नई परिभाषा के तहत जाट ओबीसी श्रेणी में आते हैं।
प्रभावित उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया:
इस फैसले के बाद, चयनित उम्मीदवारों में खुशी की लहर है। एक उम्मीदवार ने कहा, "हमने पूरी मेहनत से परीक्षा पास की थी। प्रशासन द्वारा हमें ओबीसी कोटे का लाभ न देना अन्यायपूर्ण था। हमें न्याय मिला है और अब हम देश की सेवा कर सकेंगे।
कैट के आदेश के बाद, चंडीगढ़ पुलिस को एक महीने के भीतर इन आठ उम्मीदवारों को ज्वॉइनिंग लेटर देना होगा। प्रशासन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे या नहीं।
इस निर्णय से न केवल प्रभावित उम्मीदवारों को राहत मिली है, बल्कि ओबीसी कोटे में आने वाले अन्य जातियों के उम्मीदवारों के लिए भी एक मिसाल कायम हुई है।""
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