पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब पुलिस के अधिकारी पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए
अवैध तौर पर महिला के कॉल डिटेल रिकॉर्ड हासिल किए जाने का है मामला
चण्डीगढ़ , 19 सितंबर, 2025: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब पुलिस के अधिकारी इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह, जो पहले जीरकपुर में थानाध्यक्ष के पद पर तैनात थे और अब पैरवी सेल के प्रमुख हैं, के खिलाफ एक महिला के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) एक असंबंधित मामले में हासिल किए जाने के मामले में पुलिस को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।प्राप्त विवरण के मुताबिक मोहाली निवासी सुश्री दीपशिखा गुरुंग द्वारा अपनी जान और आज़ादी की सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी जिसपर बीती 15 सितम्बर को सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आलोक जैन ने इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह के खिलाफ ये आदेश पारित किया। इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह पर आरोप है कि उन्होंने ना सिर्फ दीपशिखा गुरुंग की सीडीआर अवैध तौर पर एक असंबंधित मामले में हासिल की और फिर उसे प्रेमजीत कौर को सौंप दिया, जिसके साथ उनकी कथित रूप से मिलीभगत थी।
बीती 27 अगस्त को इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आलोक जैन के संज्ञान में यह तथ्य भी लाया गया था कि उक्त अधिकारी भी सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे। इस पर अदालत ने ये जांच किए जाने के भी आदेश दिए थे कि बतौर पैरवी सेल प्रमुख उन्होंने कितनी बार हाईकोर्ट का दौरा किया है। यदि यह पाया गया कि वह 27 अगस्त को केवल इसी मामले को फॉलो करने के लिए आए थे, तो उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी।
विवरणानुसार याचिकाकर्ता दीपशिखा गुरुंग ने अपने वकील जतिन बंसल के माध्यम से आरोप लगाया था कि जब उक्त पुलिस अधिकारी थानाध्यक्ष थे, तो उन्होंने एक अज्ञात एफआईआर में उनका फोन नंबर डालकर कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाए, जबकि वह उस एफआईआर में न तो आरोपी थी और न ही पक्षकार। आरोप है कि इन कॉल रिकॉर्ड्स को हासिल करने के बाद उन्होंने उन्हें किसी दूसरे प्रतिवादी को भेज दिया, जिसके साथ उनकी मिलीभगत है और जो याचिकाकर्ता को परेशान भी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि 27 अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जैन ने संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन उन्होंने देखा कि प्रतिवादी पुलिस अधिकारी स्वयं अदालत में मौजूद थे। अदालत ने यह भी संज्ञान लिया कि स्टेट के वकील ने यह तर्क दिया कि उन्हें पैरवी सेल का प्रमुख नियुक्त किया गया है। इसके बाद अदालत ने उनके कोर्ट उपस्थिति रिकॉर्ड की जांच कराने का आदेश दिया कि क्या वह केवल इसी मामले को फॉलो करने के लिए पेश हुए थे?
राज्य सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता अमनदीप सिंह समरा ने सुनवाई के दौरान बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इस मामले की जांच कर रहे हैं और याचिकाकर्ता को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया जा चुका है।उन्होंने आश्वासन दिया कि अधिकारी इस मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
दूसरी ओर, जतिन बंसल ने दोहराया कि दीपशिखा गुरुंग पर इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह और दूसरी प्रतिवादी श्रीमती प्रेमजीत कौर द्वारा शिकायत और वर्तमान याचिका वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और स्टेट के वकील द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मामले की जांच कर रहे हैं, न्यायमूर्ति जैन ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 01 अक्टूबर तय की है।
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