भगोड़े हीरा कारोबारी Mehul Choksi को लेकर बड़ा 'अपडेट'! बेल्जियम कोर्ट से लगा झटका
Babushahi Bureau
नई दिल्ली/ब्रुसेल्स, 22 अक्टूबर, 2025 : भगोड़े हीरा कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोपी मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। बेल्जियम की एक अदालत ने चोकसी के भारत प्रत्यर्पण (Extradition) को मंजूरी दे दी है।
अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि 66 वर्षीय मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने में कोई कानूनी बाधा नहीं है। कोर्ट ने माना कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं, बल्कि एक विदेशी नागरिक है और उस पर लगे आरोप "इतने गंभीर हैं कि प्रत्यर्पण को उचित ठहराया जा सके।"
अदालत के फैसले की मुख्य बातें
अदालत ने कहा कि भारत द्वारा बताए गए अपराध—जिनमें साजिश (धारा 120-B), धोखाधड़ी (fraud, धारा 420), और भ्रष्टाचार (corruption) शामिल हैं—बेल्जियम के कानून के तहत भी अपराध माने जाते हैं।
1. आपराधिक गिरोह में शामिल: कोर्ट ने माना कि चोकसी की भूमिका एक आपराधिक गिरोह (criminal gang) में शामिल होने, धोखाधड़ी करने और जाली दस्तावेजों का उपयोग करने की हो सकती है।
2. राजनीतिक मामला नहीं: कोर्ट ने साफ कहा कि यह मामला राजनीतिक (political), सैन्य, या टैक्स से जुड़ा नहीं है, बल्कि एक वित्तीय घोटाला है।
3. समय सीमा (Time Limit): ये अपराध 2016 से 2019 के बीच हुए हैं, इसलिए यह मामला भारत या बेल्जियम, दोनों के कानूनों में समय सीमा (statute of limitations) से बाहर नहीं हुआ है।
सिर्फ 'सबूत मिटाने' के आरोप पर राहत
हालांकि, अदालत ने एक आरोप पर चोकसी को राहत दी है। आदेश में कहा गया है कि भारत के आरोपों में से एक - 'सबूतों को नष्ट करना' (IPC धारा 201) - बेल्जियम के कानून के तहत अपराध के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है, और इसलिए उस खास मामले में प्रत्यर्पण नहीं दिया जा सकता है।
चोकसी के 'अपहरण' और 'उत्पीड़न' के सभी दावे खारिज
मेहुल चोकसी ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए अदालत में कई दलीलें पेश की थीं, लेकिन कोर्ट ने उन सभी को खारिज कर दिया।
1. अपहरण का दावा: चोकसी ने दावा किया था कि उसे एंटीगुआ से अपहरण (kidnapped) कर बेल्जियम लाया गया था। कोर्ट ने कहा कि इन दावों का समर्थन करने के लिए "कोई ठोस सबूत नहीं" दिए गए हैं।
2. अन्याय का खतरा: चोकसी ने दावा किया कि भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है और मीडिया कवरेज से उसके मामले में निष्पक्ष सुनवाई (fair trial) नहीं होगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि बड़े वित्तीय घोटालों में आम लोगों और मीडिया की रुचि होना स्वाभाविक है।
3. जेल की हालत: चोकसी द्वारा जेल की खराब हालत पर पेश की गई विशेषज्ञ रिपोर्ट (expert reports) को भी अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वे उसके व्यक्तिगत खतरे को साबित नहीं करतीं।
मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा
भारत सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। भारत की ओर से बताया गया कि मेहुल चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल (Arthur Road Jail) में रखा जाएगा।
1. उसे बैरक नंबर 12 (Barrack No. 12) में रखा जाएगा, जो 46 वर्ग मीटर का है और इसमें निजी शौचालय (private toilet) की सुविधा है।
2. उसे केवल चिकित्सकीय आवश्यकताओं (medical needs) या कोर्ट में पेशी के दौरान ही बैरक से बाहर ले जाया जाएगा।
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