Diljit Dosanjh के Sydney Concert में बवाल! जानें पूरा मामला
Babushahi Bureau
सिडनी/चंडीगढ़, 28 अक्टूबर, 2025 : पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) का ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुआ पहला स्टेडियम कॉन्सर्ट (Stadium Concert) जहां हाउसफुल (houseful) रहा, वहीं यह आयोजन एक बड़े विवाद में भी घिर गया है। आरोप है कि कॉन्सर्ट में सिख धर्म के पवित्र प्रतीक 'किरपाण' (Kirpan) धारण करने वाले दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश (entry) नहीं दिया गया, जिससे सिख समुदाय (Sikh community) में भारी निराशा और गुस्सा है।
बता दे कि यह भव्य शो पश्चिमी सिडनी के पैरामाटा स्टेडियम (Parramatta Stadium) में आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 25,000 दर्शक पहुंचे थे। इनमें बड़ी संख्या में पंजाबी और सिख समुदाय के लोग शामिल थे, जो अपने पसंदीदा कलाकार को लाइव देखने आए थे।
महंगी टिकट खरीदी, पर Kirpan देखकर लौटाया
सिडनी निवासी परमवीर सिंह बिमवाल उन दर्शकों में से एक थे जिन्हें निराशा हाथ लगी।
1. ₹11,000 की टिकट: उन्होंने और उनकी पत्नी सोना बिमवाल ने 200 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर प्रति व्यक्ति (करीब ₹11,000) में टिकट खरीदे थे। परमवीर रीढ़ की चोट के बावजूद शो देखने पहुंचे थे।
2. मेटल डिटेक्टर पर रोका: सुरक्षा जांच के दौरान, मेटल डिटेक्टर (metal detector) पर उनका किरपाण डिटेक्ट हो गया।
3. जमा करने को कहा: सुरक्षा कर्मियों ने उनसे किरपाण उतारकर एक बॉक्स में रखने को कहा, जिसे वे शो के बाद वापस ले सकते थे।
4. "अपमानजनक" लगा: परमवीर सिंह ने इसे अपनी धार्मिक आस्था का अपमान (disrespectful) समझा और कॉन्सर्ट देखे बिना ही वापस लौट आए।
"पहली बार सिख कलाकार के शो में ऐसा हुआ" - फैंस निराश
परमवीर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को बताया कि यह उनके साथ पहली बार हुआ है जब किरपाण के कारण उन्हें कहीं प्रवेश से रोका गया हो।
1. उन्होंने कहा, "हमने पहले कई सार्वजनिक स्थानों, फुटबॉल मैचों और स्कूलों में किरपाण के साथ प्रवेश किया, कभी कोई समस्या नहीं हुई। लेकिन यह निराशाजनक है कि दिलजीत दोसांझ जैसे सिख कलाकार के कॉन्सर्ट में ऐसा हुआ।"
2. उनकी पत्नी सोना बिमवाल ने कहा कि उन्हें न तो कोई रिफंड (refund) मिला और न ही आयोजकों (organizers) की तरफ से कोई संपर्क किया गया।
"यह रसोई का चाकू नहीं, आस्था है"
परमवीर ने जोर देकर कहा, "यह कोई रसोई का चाकू (kitchen knife) नहीं है, जो मैंने कानून तोड़ने के लिए रखा है। यह हमारी आस्था का पवित्र प्रतीक (sacred symbol of faith) है।" उन्होंने कहा कि अगर अपने धर्म का प्रतीक साथ ले जाने की अनुमति नहीं है, तो वह अंदर नहीं जाएंगे। "हम पैसे खो सकते हैं, लेकिन आस्था से समझौता नहीं कर सकते।"
इसी तरह, हरमन सिंह और उनके दोस्त मनमोहन सिंह को भी किरपाण के कारण प्रवेश नहीं दिया गया। 19 वर्षीय मनमोहन ने कहा, "हमारे धर्म में किरपाण शरीर से अलग नहीं की जा सकती। यह अनुचित है, खासकर तब जब कलाकार खुद सिख समुदाय से हैं। टिकट खरीदते समय इस प्रतिबंध (restriction) की कोई जानकारी नहीं दी गई थी।"
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