HPUJ : NUJI : DPRO को सौंपी जाएं पत्रकारों की मान्यता की शक्तियां, HPUJ ने रखी मांग
हिमाचल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंद्र देव आर्य ने सरकार से उठाए कई मुद्दे
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 13 अक्टूबर 2025 :
हिमाचल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंद्र देव आर्य ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि पत्रकारों से संबंधित मान्यता संबंधी शक्तियां निदेशक जनसंपर्क के बजाय जिला लोक संपर्क अधिकारी (डीपीआरओ) को सौंपी जाएं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के अधिकारी पत्रकारों के कार्य, योगदान और गतिविधियों से सीधे जुड़े होते हैं, जिससे वे पात्रता निर्धारण और मूल्यांकन में अधिक सक्षम साबित होंगे।
आर्य ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था में पत्रकारों को मान्यता के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता है, और कई बार सभी दस्तावेज़ पूर्ण होने के बावजूद फाइलें निदेशालय स्तर पर अटक जाती हैं। इस कारण पत्रकारों में असंतोष और हताशा की भावना बढ़ रही है। यदि शक्तियां जिला स्तर पर दी जाएं, तो मान्यता प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, त्वरित और व्यावहारिक हो सकेगी।
प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकारों की अन्य समस्याओं पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य एवं जिला स्तरीय विश्राम गृहों के शुल्कों में वृद्धि से पत्रकारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है। पहले जहां मामूली शुल्क में ठहरने की सुविधा थी, वहीं अब बढ़े किराए के कारण पत्रकारों के लिए इन विश्राम गृहों का उपयोग करना कठिन हो गया है। आर्य ने मांग की कि पत्रकारों के हित में इन शुल्कों को पूर्ववत या न्यूनतम दरों पर पुनः निर्धारित किया जाए, ताकि वे कवरेज या ड्यूटी के दौरान बिना आर्थिक बोझ के ठहर सकें।
इसके साथ ही उन्होंने पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कई बार बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में पत्रकारों को आर्थिक सहायता के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। ऐसे में जिला स्तर पर उपसमिति का गठन किया जाना चाहिए ताकि राहत सहायता शीघ्र और पारदर्शी ढंग से जरूरतमंदों तक पहुंच सके।
डिजिटल पत्रकारिता के बढ़ते प्रभाव पर बोलते हुए आर्य ने कहा कि सरकार को ऑनलाइन और डिजिटल मीडिया पत्रकारों के लिए स्पष्ट नीति तैयार करनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को भी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही मान्यता और सुविधाएं दी जानी चाहिए।
आर्य ने यह भी कहा कि सरकार को पत्रकारों के लिए नियमित प्रशिक्षण शिविर, सुरक्षा बीमा योजना का विस्तार, और सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिए पेंशन सुविधा जैसी व्यवस्थाएं लागू करनी चाहिएं। उन्होंने कहा कि दशकों तक समाज की सेवा करने वाले पत्रकारों को सेवानिवृत्ति के बाद किसी सहायता या सम्मान का लाभ नहीं मिलता, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का आईना हैं, जो सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। अतः उनके हितों की रक्षा सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। आर्य ने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार पत्रकारों की समस्याओं का गंभीरता से समाधान करेगी और पत्रकार समाज को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाएगी। (SBP)
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