चंडीगढ़ में जनसेवा की नई मिसाल: प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने किया सचिवालय और डीसी ऑफिस का औचक निरीक्षण;
जनसुनवाई के लिए खुद फील्ड में उतरे प्रशासक
रमेश गोयत
चंडीगढ,18जून। चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने बुधवार को जनता की समस्याओं को सुनने के लिए खुद फील्ड का रुख किया। उन्होंने यूटी सचिवालय और सेक्टर-17 स्थित उपायुक्त कार्यालय का औचक निरीक्षण कर आम लोगों से संवाद किया।
हर बुधवार को जन संपर्क विंडो — अधिकारियों को जनता के लिए रहना होगा हाज़िर
प्रशासक ने पूर्व में निर्देश दिए थे कि हर बुधवार सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक अधिकारी जनसुनवाई के लिए अपने दफ्तरों में उपलब्ध रहें। इस दौरान कोई आंतरिक बैठक न की जाए, ताकि जनता की शिकायतों का तत्काल समाधान हो सके।
जनता से सीधे संवाद, समस्याएं सुनी और समाधान के निर्देश दिए
निरीक्षण के दौरान कटारिया ने न केवल विभागीय स्थिति का जायज़ा लिया बल्कि वहां उपस्थित नागरिकों से भी उनकी समस्याएं पूछीं। लोगों ने अपनी शिकायतें खुलकर रखीं और राज्यपाल के इस प्रयास की दिल खोलकर सराहना की।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं — व्यवस्था पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी
कटारिया ने अधिकतर विभागों में अधिकारियों की मौजूदगी पर संतोष जताया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि “जो अधिकारी इस जनसंपर्क प्रणाली को हल्के में लेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
प्रशासक की अपील — पारदर्शिता और सहानुभूति के साथ करें जनसेवा
गुलाबचंद कटारिया ने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जनता से व्यवहार करते समय पारदर्शिता, सहानुभूति और संवेदनशीलता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि"जनसेवा में संवेदना और सजगता ही अच्छे प्रशासन की पहचान है।"
जनता हुई गदगद — कहा पहली बार किसी प्रशासक को इतने पास से देखा
जनता ने बताया कि यह पहली बार है जब इतने बड़े पद पर बैठा कोई प्रशासक खुद चलकर उनकी समस्याएं सुनने आया है। इससे उनका प्रशासन पर विश्वास और गहरा हुआ है।
जनता और प्रशासन के बीच बना विश्वास का नया पुल
राज्यपाल की यह पहल ‘जनता के दरवाजे पर प्रशासन’ की भावना को साकार करती है। इससे न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि लोगों को समय पर और प्रभावी सेवाएं भी मिलेंगी।
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