हिमाचल के पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज करना गलत : एन.यू.जे इंडिया
लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात : आर्य
एफआईआर तुरंत वापस ले प्रदेश सरकार : प्रदेशाध्यक्ष
बाबूशाही ब्यूरो
ऊना, 03 अगस्त, 2025 :
हिमाचल प्रदेश के पत्रकार डॉ. संजीव शर्मा द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की गई एक सूचना को लेकर उन पर दर्ज एफआईआर को एन.यू.जे (आई )और इसकी इकाई हिमाचल हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (संबद्ध एनयूजे इंडिया) ने तुरंत रद्द करने की मांग की है। एचपीयूजे ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में यह सरेआम अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात है जिसको बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
हिमाचल सदियों से लोकतांत्रित प्रणाली में विश्वास रखता है और मीडिया पर छोटी छोटी बातों को आधार बनाकर मामले दर्ज करना उसकी आवाज को दबाने का प्रयास करना है। हिमाचल प्रदेश यूनियन आफ जर्नलिस्टस के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंद्र देव आर्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. शशिभूषण पुरोहित व सुमित शर्मा सहित राज्य महामंत्री डॉ. किशोर ठाकुर, उपाध्यक्ष पंकज कतना, संगठन मंत्री गोपाल शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता श्याम लाल पुंडीर और कोषाध्यक्ष सुनील शर्मा ने इसे गैर लोकतांत्रिक करार दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ समय से खबर और सूचनाओं को लेकर पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज करने की रिवायत शुरू हुई है, जो लोकतंत्र के हित में ठीक नहीं। संजीव शर्मा पर खबर प्रसारित करने को लेकर यह दूसरी एफआईआर है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य पत्रकारों पर भी मामले बनाए गए हैं जिसमें संवाद भारत के पत्रकार भी शामिल हैं।
उधर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी, महामंत्री प्रदीप तिवारी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रणेश राणा ने कहा कि यूनियन पहले भी इन मामलों का विरोध कर चुकी है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से इस एफआईआर को तुरंत रद्द करने की मांग की है। वहीं संवाद भारत के पत्रकारों पर भी गलत तरीके से मामला दर्ज करने की भी नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्टस इंडिया ने कडी निंदा की है। (SBP)
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