Sri Lanka की PM करेंगी अपना पहला भारत दौरा! जानें कब और क्या है पूरा शेड्यूल
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर, 2025 (ANI) : श्रीलंका की प्रधानमंत्री (Prime Minister) हरिणी अमरसूर्या (Harini Amarasuriya) पद संभालने के बाद अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर 16 से 18 अक्टूबर तक भारत का दौरा करेंगी। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय (bilateral) संबंधों को और मजबूत करना है। इस दौरे के दौरान वह भारतीय राजनीतिक नेताओं से मुलाकात कर आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करेंगी।
यात्रा के प्रमुख कार्यक्रम
प्रधानमंत्री अमरसूर्या की इस तीन दिवसीय यात्रा का कार्यक्रम काफी व्यस्त और महत्वपूर्ण है, जिसमें कूटनीति से लेकर शिक्षा और व्यापार तक के क्षेत्र शामिल हैं।
1. NDTV वर्ल्ड समिट: वह दिल्ली में NDTV और चिंतन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'NDTV वर्ल्ड समिट' में मुख्य भाषण (keynote address) देंगी।
2. शिक्षा और प्रौद्योगिकी पर जोर: सुश्री अमरसूर्या, जो श्रीलंका की शिक्षा मंत्री भी हैं, शिक्षा और प्रौद्योगिकी (education and technology) के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं को तलाशने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली और नीति आयोग (NITI Aayog) का भी दौरा करेंगी।
3. अल्मा मेटर का दौरा: यह यात्रा उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भी खास है, क्योंकि वह दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज (Hindu College) की पूर्व छात्रा हैं और इस दौरे पर वह अपने अल्मा मेटर (alma mater) भी जाएंगी।
4. व्यापारिक संबंध: इसके अतिरिक्त, वह दोनों देशों के बीच व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक व्यावसायिक कार्यक्रम (business event) में भी भाग लेंगी।
रणनीतिक महत्व और 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति
यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है। इससे भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' (Neighbourhood First) नीति और 'महासागर विजन' (MAHASAGAR Vision) से मजबूत हुई दोस्ती के बंधन को और प्रगाढ़ करने में मदद मिलेगी।
हाल ही में 2 अक्टूबर को, प्रधानमंत्री अमरसूर्या ने भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा के साथ कोलंबो में प्रधानमंत्री कार्यालय में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की थी, जो दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है। इस यात्रा से दोनों पड़ोसी देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी को और गति मिलने की उम्मीद है।
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