बार काउंसिल ने हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की नियुक्ति पर उठाए सवाल; मापदंडों पर मांगी स्पष्टीकरण
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 23 अक्टूबर 2025: पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में वरिष्ठ अधिवक्ताओं के रूप में नामित किए गए वकीलों की सूची पर आपत्ति जताई है और चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
बार काउंसिल की विशेष बैठक चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में अध्यक्ष राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सदस्यों ने 20 अक्टूबर 2025 को जारी सूची पर गंभीर आपत्तियां दर्ज करवाईं।
काउंसिल का कहना है कि चयन प्रक्रिया में “पक्षपात और मनमानी” की शिकायतें सामने आई हैं और कई योग्य उम्मीदवारों को अनदेखा किया गया है।
बार काउंसिल ने हाईकोर्ट से निम्नलिखित बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है:
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वरिष्ठ अधिवक्ताओं के चयन की प्रक्रिया क्या थी।
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क्या प्रक्रिया इंदिरा जयसिंग के फैसले और नए नियमों के अनुसार थी।
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अंक देने और मूल्यांकन की प्रणाली क्या रही।
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क्या अंक फुल कोर्ट मीटिंग से पहले वेबसाइट पर अपलोड किए गए थे।
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क्या गैर-सक्रिय अधिवक्ताओं को भी विचार में लिया गया था।
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क्या आवेदन का नोटिफिकेशन सभी बार एसोसिएशनों को भेजा गया था।
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क्या एससी/एसटी और महिला अधिवक्ताओं के लिए कोई विशेष मापदंड तय किए गए थे।
काउंसिल ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 6(डी) के तहत अधिवक्ताओं के अधिकारों और हितों की रक्षा करना उसका कर्तव्य है।
बैठक को अब 31 अक्टूबर 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है ताकि हाईकोर्ट से जवाब प्राप्त होने के बाद अगली कार्रवाई की जा सके।
(सदस्य हरगोबिंदर सिंह गिल ने इस प्रस्ताव से असहमति जताई।)
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