JEE-NEET की Coaching होगी बिल्कुल Free, पढ़ें पूरी ख़बर
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर, 2025 : भारतीय सेना ने देश की सेवा कर रहे और सेवानिवृत्त सैनिकों के बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सेना ने जेईई (JEE) और नीट (NEET) जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद के लिए देश के अग्रणी कोचिंग संस्थान, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (Aakash Educational Services Limited) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते के तहत, सैन्यकर्मियों के बच्चों को ट्यूशन फीस में 100% तक की छूट और विशेष स्कॉलरशिप (scholarship) प्रदान की जाएगी। यह सुविधा आकाश के देशभर में मौजूद 200 से अधिक सेंटरों पर ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों से उपलब्ध होगी। इस पहल का उद्देश्य सैन्य परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और करियर मार्गदर्शन प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाना है।
किसे और क्या मिलेगा लाभ?
इस ऐतिहासिक समझौते के तहत सैन्य परिवारों के बच्चों को दो मुख्य श्रेणियों में लाभ दिया जाएगा:
1. 100% मुफ्त कोचिंग: इन श्रेणियों में आने वाले बच्चों से कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी:
1.1) युद्ध या सैन्य अभियानों में शहीद हुए सैनिकों के बच्चे।
1.2) वीरता पुरस्कार (Gallantry Award) विजेताओं के बच्चे।
1.3) 20% से अधिक दिव्यांगता (disability) वाले सैनिकों के बच्चे।
1.4) 20% की छूट: सेवारत (serving) और सेवानिवृत्त (retired) सैन्यकर्मियों के बच्चों को आकाश के सभी कोर्स की ट्यूशन फीस पर 20% की छूट मिलेगी।
सिर्फ कोचिंग ही नहीं, करियर काउंसलिंग भी
इस समझौते का दायरा सिर्फ फीस में छूट तक ही सीमित नहीं है। आकाश एजुकेशनल सर्विसेज सैन्यकर्मियों के बच्चों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार सही करियर चुनने में मदद करने के लिए करियर काउंसलिंग (career counseling) और शैक्षणिक मार्गदर्शन (academic mentoring) भी प्रदान करेगा। यह सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से उपलब्ध होगी, जिससे देश के किसी भी कोने में बैठा छात्र इसका लाभ उठा सकेगा।
आकाश इंस्टीट्यूट के अधिकारियों ने इस समझौते को सैन्य परिवारों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह पहल देश के रक्षकों के बलिदान का सम्मान करने और उनके बच्चों को एक उज्ज्वल भविष्य देने की उनकी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
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