दुखद ख़बर : पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा मंत्री का निधन! PM मोदी ने भी जताया शोक
Babushahi Bureau
पणजी/पोंडा, 15 अक्टूबर, 2025 : गोवा की राजनीति के एक कद्दावर नेता, राज्य के कृषि मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री रवि नाइक का मंगलवार देर रात निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उन्हें अपने गृहनगर पोंडा में दिल का दौरा (heart attack) पड़ा, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें देर रात करीब 1 बजे मृत घोषित कर दिया। उनके निधन से गोवा की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "गोवा सरकार में मंत्री श्री रवि नाइक जी के निधन से दुखी हूं। उन्हें एक अनुभवी प्रशासक और समर्पित लोक सेवक के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने गोवा के विकास पथ को समृद्ध बनाया। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।"
गोवा के मुख्यमंत्री ने जताया शोक
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि गोवा की राजनीति के एक दिग्गज के रूप में उनकी दशकों की सेवा ने राज्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने लिखा, "उनके नेतृत्व, विनम्रता और जन कल्याण में योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।"
आज होगा अंतिम संस्कार
रवि नाइक का अंतिम संस्कार आज दोपहर 3 बजे किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर पोंडा के खड़पाबांध स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है, जहां हजारों की संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बच्चे, एक बहू और तीन पोते-पोतियां हैं।
एक नजर रवि नाइक के राजनीतिक सफर पर
रवि नाइक का राजनीतिक जीवन चार दशकों से भी अधिक लंबा रहा और वे गोवा की राजनीति के केंद्र में रहे।
1. सात बार विधायक: वह महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP), कांग्रेस (Congress), और भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित कई दलों के टिकट पर सात बार विधायक चुने गए।
2. दो बार मुख्यमंत्री: नाइक दो बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। पहली बार उन्होंने जनवरी 1991 से मई 1993 तक सरकार का नेतृत्व किया। वह 1994 में केवल छह दिनों (2 अप्रैल से 8 अप्रैल तक) के लिए भी मुख्यमंत्री बने, जो गोवा के इतिहास में सबसे छोटे कार्यकालों में से एक है।
3. सांसद भी रहे: वह 1998 में उत्तरी गोवा से संसद सदस्य (MP) भी चुने गए थे।
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →