हर 3 महीने में कराएं ये 5 ज़रूरी Health Check Up, लग जाएगा खतरनाक बीमारियों का पता
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर, 2025 : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव और खराब खान-पान की आदतों के कारण हम अनजाने में ही कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। डायबिटीज (Diabetes), हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और थायरॉइड (Thyroid) जैसी बीमारियां अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही हैं। अक्सर इन बीमारियों के लक्षण तब सामने आते हैं, जब वे गंभीर रूप ले चुकी होती हैं। ऐसे में, इलाज महंगा और मुश्किल हो जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित स्वास्थ्य जांच (regular health check-ups) इन 'साइलेंट किलर' बीमारियों का समय पर पता लगाने का सबसे कारगर तरीका है। हर तीन महीने में कुछ सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण टेस्ट करवाकर आप न केवल आने वाले खतरे को टाल सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और लंबा जीवन भी जी सकते हैं।
ये 5 हेल्थ चेक-अप हैं बेहद ज़रूरी
हर व्यक्ति को, विशेषकर 30 वर्ष की आयु के बाद, हर तीन महीने में निम्नलिखित जांचें ज़रूर करवानी चाहिए:
1. ब्लड शुगर टेस्ट (Blood Sugar Test): डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर को खोखला कर देती है। हर 3 महीने में ब्लड शुगर की जांच से आप यह पता लगा सकते हैं कि आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में है या नहीं। यह टेस्ट प्री-डायबिटिक (pre-diabetic) स्थिति का भी पता लगा लेता है, जिससे सही समय पर जीवनशैली में बदलाव कर इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है।
2. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid Profile Test): यह टेस्ट आपके खून में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) के स्तर की जांच करता है। बढ़ा हुआ खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) धमनियों में जमा होकर हार्ट अटैक (heart attack) और स्ट्रोक (stroke) के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है। नियमित जांच से आप अपनी हार्ट हेल्थ पर नजर रख सकते हैं।
3. कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC): यह एक सामान्य लेकिन बहुत महत्वपूर्ण ब्लड टेस्ट है, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य की एक तस्वीर पेश करता है। यह शरीर में रेड ब्लड सेल्स (RBC), व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC), हीमोग्लोबिन (haemoglobin) और प्लेटलेट्स (platelets) की संख्या की जानकारी देता है। इससे एनीमिया (anemia), इन्फेक्शन (infection), या रक्त से जुड़ी अन्य समस्याओं का शुरुआती संकेत मिल सकता है।
4. थायरॉइड फंक्शन टेस्ट (T3, T4, TSH): थायरॉइड ग्रंथि हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म (metabolism) को नियंत्रित करती है। इसका स्तर बिगड़ने से वजन का बढ़ना या घटना, अत्यधिक थकान, बालों का झड़ना और मूड में बदलाव जैसी समस्याएं होती हैं। यह टेस्ट थायरॉइड के स्तर की जांच कर इन समस्याओं से बचाता है।
5. ब्लड प्रेशर (BP) मॉनिटरिंग: हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन (hypertension) एक 'साइलेंट किलर' है, जिसका अक्सर कोई शुरुआती लक्षण नहीं होता। इसे नियमित रूप से जांचना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह हृदय, गुर्दे (kidneys) और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है। आप इसे घर पर डिजिटल मशीन से या किसी भी क्लिनिक पर आसानी से जांच सकते हैं।
निष्कर्ष: क्यों ज़रूरी है यह जांच?
बीमारी का इंतज़ार करने से बेहतर है कि हम समय रहते उसे अपने शरीर में पनपने ही न दें। ये नियमित जांचें एक तरह का निवेश हैं जो आपको भविष्य के बड़े स्वास्थ्य खर्चों और तकलीफों से बचाती हैं। इसलिए, अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और डॉक्टर की सलाह से हर तीन महीने में इन जांचों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। आपकी थोड़ी सी जागरूकता आपको एक लंबा और स्वस्थ जीवन दे सकती है।
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