79वें स्वतंत्रता दिवस पर 103 मिनट बोले PM मोदी, तोड़ा अपना ही Record, देखें 2014 से 2025 तक उनके भाषणों का पूरा Report Card
Babushahi Bureau
नई दिल्ली | 15 अगस्त, 2025 : 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 103 मिनट का लंबा भाषण देकर इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सबसे लंबे भाषण का एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। उन्होंने पिछले साल के अपने ही 98 मिनट के भाषण का रिकॉर्ड तोड़ा।
PM मोदी के भाषणों का सफर: कब, कितना लंबा?
प्रधानमंत्री मोदी अपने लंबे भाषणों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2015 में 86 मिनट का भाषण देकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के 1947 में दिए गए 72 मिनट के भाषण का रिकॉर्ड तोड़ा था। आइए देखें, प्रधानमंत्री मोदी ने कब कितने मिनट का भाषण दिया:
1. 2014: 65 मिनट
2. 2015: 86 मिनट
3. 2016: 94 मिनट
4. 2017: 56 मिनट (अब तक का सबसे छोटा भाषण)
5. 2018: 82 मिनट
6. 2019: 92 मिनट
7. 2020: 86 मिनट
8. 2021: 88 मिनट
9. 2022: 83 मिनट
10. 2023: 90 मिनट
11. 2024: 98 मिनट
12. 2025: 103 मिनट (नया रिकॉर्ड)
किसने कितनी बार फहराया तिरंगा?
भाषण की लंबाई के अलावा, लाल किले पर सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड भी दिलचस्प है।
1. जवाहरलाल नेहरू: देश के पहले प्रधानमंत्री होने के नाते, उन्होंने रिकॉर्ड 17 बार लाल किले पर ध्वजारोहण किया।
2. इंदिरा गांधी: दूसरे नंबर पर उनकी बेटी और देश की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी हैं, जिन्होंने 16 बार तिरंगा फहराया।
3. नरेंद्र मोदी: आज के भाषण के साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने 12 बार लाल किले पर तिरंगा फहराया है।
4. मनमोहन सिंह: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 10 बार यह सम्मान प्राप्त किया।
5. अटल बिहारी वाजपेयी: उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए 6 बार तिरंगा फहराया।
6. राजीव गांधी और पी.वी. नरसिम्हा राव: दोनों ने 5-5 बार ध्वजारोहण किया।
7. एक-एक बार: मोरारजी देसाई (2 बार) के अलावा, चौधरी चरण सिंह, वी.पी. सिंह, एच.डी. देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल को 1-1 बार यह अवसर मिला।
ये प्रधानमंत्री कभी नहीं फहरा पाए लाल किले पर तिरंगा
भारतीय इतिहास में दो प्रधानमंत्री ऐसे भी हुए जिन्हें लाल किले पर तिरंगा फहराने का मौका ही नहीं मिला।
1. गुलजारीलाल नंदा: वह दो बार बहुत कम समय (13-13 दिन) के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने, इसलिए उन्हें यह अवसर नहीं मिला।
2. चंद्रशेखर: उनका कार्यकाल 10 नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 तक रहा, जिसके बीच कोई 15 अगस्त नहीं आया।
MA
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