Explainer : देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन? NDA के राधाकृष्णन और विपक्ष के रेड्डी में टक्कर, जानें चुनाव की A to Z प्रक्रिया
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 8 September 2025 : भारत अपने 17वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। कल यानी 9 सितंबर, मंगलवार को संसद भवन में देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए मतदान होगा। यह चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अप्रत्याशित रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस बार मुकाबला NDA के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार पी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है। आइए, इस चुनाव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात को विस्तार से समझते हैं।
कैसे होगा चुनाव और कब आएंगे नतीजे?
1 मतदान का समय: वोटिंग कल सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन के कमरा नंबर एफ-101 (वसुधा) में होगी।
2. नतीजे की घोषणा: वोटिंग खत्म होने के ठीक एक घंटे बाद, शाम 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी और देर शाम तक नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा।
कौन डालता है वोट और क्या है प्रक्रिया?
1. कौन हैं वोटर: उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ संसद के सदस्य यानी लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं। इसमें राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। इस बार निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य हैं, हालांकि कुछ सीटें खाली होने के कारण वर्तमान संख्या 781 है।
2. वोटिंग का तरीका: यह चुनाव गुप्त मतदान (Secret Ballot) के जरिए होता है। इसमें आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) प्रणाली का पालन किया जाता है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं।
3. प्राथमिकता का खेल: सांसदों को एक विशेष मतपत्र दिया जाता है, जिस पर उन्हें उम्मीदवारों के नाम के आगे अपनी पसंद को 1, 2... के क्रम में अंकों में दर्ज करना होता है। शब्दों में लिखी वरीयता (जैसे- एक, दो) अमान्य हो जाती है।
जीत का गणित: कैसे होती है वोटों की गिनती?
1. वैध मतों की छंटाई: सबसे पहले डाले गए सभी वोटों में से अवैध वोटों को अलग किया जाता है।
2. जीत का कोटा: जीतने के लिए उम्मीदवार को कुल वैध मतों के 50% से एक ज्यादा वोट हासिल करने होते हैं।
3. पहली प्राथमिकता की गिनती: सबसे पहले हर उम्मीदवार को मिली पहली प्राथमिकता (First Preference) वाले वोटों को गिना जाता है। यदि किसी उम्मीदवार को पहली गिनती में ही जीत का कोटा मिल जाता है, तो उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है।
4. अगर नहीं मिला बहुमत: यदि पहले दौर में किसी को बहुमत नहीं मिलता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को दौड़ से बाहर कर दिया जाता है। उसके वोटों को मतपत्र पर अंकित दूसरी प्राथमिकता के आधार पर अन्य उम्मीदवारों में बांट दिया जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक किसी एक उम्मीदवार को जीत का कोटा न मिल जाए।
चुनाव से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम (FAQ)
1. क्या दल-बदल कानून लागू होता है?
उत्तर : नहीं। यह चुनाव किसी पार्टी के चुनाव चिह्न पर नहीं लड़ा जाता, इसलिए पार्टियां व्हिप (Whip) जारी नहीं कर सकतीं। सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
2. किन गलतियों से वोट रद्द हो सकता है?
उत्तर : 1. उम्मीदवार के आगे वरीयता (1) न लिखना।
2. एक से ज्यादा उम्मीदवारों के आगे वरीयता '1' लिख देना।
3. वरीयता अंकों के बजाय शब्दों (एक, दो) में लिखना।
4. मतपत्र पर कोई ऐसा निशान बनाना जिससे वोटर की पहचान हो सके।
3. क्या जमानत जब्त होती है?
उत्तर हाँ। यदि किसी उम्मीदवार को कुल वैध वोटों के छठे हिस्से (1/6) से भी कम वोट मिलते हैं, तो उसकी 15,000 रुपये की जमानत राशि जब्त कर ली जाती है।
4. क्या नतीजों को चुनौती दी जा सकती है?
उत्तर हाँ। सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में चुनाव के 30 दिनों के भीतर कोई उम्मीदवार या 10 से ज्यादा सांसद मिलकर याचिका दायर कर सकते हैं।
5. मैदान में कौन? उम्मीदवारों को जानें
उत्तर : सी.पी. राधाकृष्णन (NDA): तमिलनाडु से आने वाले राधाकृष्णन महाराष्ट्र और झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं। वह दो बार कोयंबटूर से सांसद रहे हैं और बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता हैं। 2019 के हलफनामे के अनुसार, वह एक व्यवसायी हैं और उनकी संपत्ति 67 करोड़ रुपये है।
पी. सुदर्शन रेड्डी (I.N.D.I.A.): तेलंगाना के एक किसान परिवार में जन्मे रेड्डी न्यायपालिका का एक बड़ा नाम हैं। वह सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। इससे पहले वह गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जज भी रहे।
6. उपराष्ट्रपति का पद: वेतन और सुविधाएं
1. वेतन: उपराष्ट्रपति को सीधे कोई वेतन नहीं मिलता, बल्कि उन्हें राज्यसभा के पदेन सभापति होने के नाते 4 लाख रुपये प्रति माह वेतन मिलता है।
2. सुविधाएं: दिल्ली में एक भव्य मुफ्त आवास, दैनिक भत्ते, यात्रा भत्ते, मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं और एक बड़ा सहयोगी स्टाफ मिलता है।
3. रिटायरमेंट के बाद: वेतन का 50% यानी लगभग 2 लाख रुपये प्रति माह पेंशन, एक टाइप-8 बंगला, निजी सचिव और अन्य स्टाफ के साथ-साथ आजीवन मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं मिलती हैं।
यह चुनाव न केवल देश के अगले उपराष्ट्रपति का फैसला करेगा, बल्कि 2024 के आम चुनावों से पहले NDA और I.N.D.I.A. गठबंधन के बीच राजनीतिक शक्ति का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन भी होगा।
MA
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