'ऑपरेशन राहत': बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में देवदूत बनी सेना, 6000 लोगों को बचाया, 13000 को दी चिकित्सा सहायता
Babushahi Bureau
चंडीगढ़, 8 सितंबर 2025 : 'ऑपरेशन राहत' (Operation RAHAT) के तहत भारतीय सेना की पश्चिमी कमान (Western Command), पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में देवदूत बनकर उभरी है। 26 अगस्त से लगातार चल रहे इस व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief - HADR) अभियान में सेना ने अब तक 6,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला है और 13,000 से अधिक लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की है।
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अब तक की कार्रवाई: एक नजर में
1. 82 HADR मिशन: सेना ने अब तक कुल 82 मिशनों को अंजाम दिया है।
2. 59 सैन्य कॉलम तैनात: इन मिशनों में 59 सैन्य कॉलम (Army columns) तैनात किए गए हैं, जिनमें 17 इंजीनियर टास्क फोर्स (Engineer Task Forces) भी शामिल हैं।
3 6,000 से अधिक लोगों का बचाव: अब तक 6,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें लगभग 300 अर्धसैनिक बलों (PMF) के जवान भी शामिल हैं।
4. 13,000 को चिकित्सा सहायता: सेना की मेडिकल टीमों ने 13,000 से अधिक लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की है, जिसमें गंभीर मामलों में आपातकालीन निकासी भी शामिल है।
5. 48 टन राशन और दवाइयां वितरित: हवाई और जमीनी माध्यमों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दवाइयां, पानी और 48 टन राशन जैसी आवश्यक आपूर्तियां पहुंचाई गई हैं।

वायु सेना और आर्मी एविएशन का महत्वपूर्ण योगदान
इस राहत अभियान में आर्मी एविएशन (Army Aviation) और वायु सेना (Air Force) के हेलिकॉप्टरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 16 हेलिकॉप्टर और 250 घंटे की उड़ानें: 03 ALH, 06 MI-17, 06 चीता हेलिकॉप्टर और 01 चिनूक सहित कुल 16 विमानों ने राहत प्रयासों के समर्थन में 250 घंटे से अधिक की उड़ानें भरी हैं।

बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण और कनेक्टिविटी की बहाली
सेना न केवल बचाव कार्य कर रही है, बल्कि टूटे हुए बुनियादी ढांचे को फिर से बनाने में भी जुटी है।
1. जमीनी स्तर पर इंजीनियरिंग कार्य: सेना की इंजीनियर टुकड़ियां बाढ़ के पानी को मोड़ने, क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत करने, बह गई सड़कों को फिर से बनाने और तटबंधों को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में लगी हुई हैं।
2. जम्मू-तवी पर बेली ब्रिज: 29 अगस्त को, सेना के इंजीनियरों ने मात्र 12 घंटों के भीतर जम्मू-तवी पर एक बेली ब्रिज (Bailey bridge) का निर्माण कर शहर के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा को फिर से बहाल किया।
3. मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल: 27 अगस्त को संचार टीमों ने 2 किमी से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल (optical fiber cable) बिछाकर जम्मू के भगवती नगर इलाके में मोबाइल कनेक्टिविटी को बहाल किया, जिससे राहत कार्यों में समन्वय आसान हो गया।
चौबीसों घंटे निगरानी और समन्वय
सेना ने सभी मुख्यालयों में एक बाढ़ नियंत्रण और जल स्तर निगरानी सेल स्थापित किया है, जो भाखड़ा नांगल बांध और रणजीत सागर बांध सहित प्रमुख स्थानों पर चौबीसों घंटे पानी के स्तर की निगरानी कर रहा है। सेना नागरिक प्रशासन, NDRF और SDRF के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि संसाधनों का इष्टतम उपयोग और प्रभावित आबादी को समय पर सहायता सुनिश्चित हो सके।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, आर्मी कमांडर, पश्चिमी कमान, ने भी 30 अगस्त को अग्रिम क्षेत्रों का दौरा कर राहत उपायों की समीक्षा की और सैनिकों की सराहना की। 'ऑपरेशन राहत' संकट के समय में भारतीय सेना की तत्परता और राष्ट्र के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है।
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