MP सतनाम संधू ने पंजाब के संत समाज के साथ श्री आनंदपुर साहिब में किया ‘अद्वितीय शहादत समागम’ का आयोजन
गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबज़ादों की शहादत को किया स्मरण
गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों के अद्वितीय बलिदान को नमन करने के लिए श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किया गया ‘अद्वितीय शहादत समागम’, सिख आध्यात्मिक अग्रणी, फ़िल्म कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में बच्चे एवं युवा हुए शामिल
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सिख युवाओं को 'विद्यार्थी प्रतिभा पुरस्कार' से किया सम्मानित
आनंदपुर साहिब, 26 दिसंबर 2025— केंद्र सरकार के निर्णय के अनुरूप, 26 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों की वीरता और बलिदान को समर्पित शहादत दिवस के अवसर पर सांसद सतनाम सिंह संधू ने छोटे साहिबजादों की शहादत को समर्पित संत समाज के सहयोग से आनंदपुर साहिब स्थित विरासत-ए-खालसा में ‘अद्वितीय शहादत समागम’ का आयोजन किया। यह कार्यक्रम साहिबज़ादों की अतुलनीय शहादत को समर्पित रहा, जिसमें सिख समुदाय के सभी संप्रदायों की प्रमुख हस्तियां शामिल हुई। इस अवसर पर बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों तथा सिख धर्म से जुड़ी सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया।
समागम में राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू के साथ धार्मिक व आध्यात्मिक गुरु, सिख प्रचारक, उद्यमी, फिल्म कलाकार, शिक्षाविद्, विभिन्न गुरुद्वारा प्रबंधक समितियों के प्रमुख तथा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (डीएसजीपीसी) के सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए।
इस समागम में सिखों के सभी संप्रदायों, जिनमें उदासी, निरंकारी, नामधारी, निर्मले, नानकपंथी और राधा स्वामी शामिल थे, ने हिस्सा लिया। इस दौरान सिख समुदाय से जुड़ी पारंपरिक सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों जैसे गतका, गुरबानी कीर्तन, कविशरी, ढाडी वार, दस्तारबंदी और डिबेट प्रतियोगिताएं करवाई गई। इन प्रतियोगिताओं में पिछले एक महीने के दौरान पंजाब भर में हुए चयन मुकाबलों से चुनी गई शीर्ष टीमों, तथा युवाओं ने हिस्सा लिया।
फाइनल प्रस्तुतियों के बाद 'अद्वितीय शहादत समागम' के दौरान, 14 प्रतिभाशाली युवाओं को सीडब्ल्यूटी द्वारा विज्ञान, खेल, परफॉर्मिंग आर्ट्स, सामाजिक सेवा, उद्यमिता तथा सिख धार्मिक कला और संस्कृति क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 'विद्यार्थी प्रतिभा पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
इन बच्चों में अमृतसर के तीन साल के शानदार 'गतका' खिलाड़ी फतेह सिंह गिल भी शामिल थे, जिन्होंने वर्ल्ड ग्रैंड प्रिक्स चैंपियनशिप और सबसे कम उम्र के मिस्टर वर्ल्ड फिट किड चैंपियन का खिताब जीता है। विभिन्न क्षेत्रों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिए जिन अन्य बच्चों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, उनमें जोबनप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह, सुखमनदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, फतेह सिंह गिल, प्रभनूर कौर ढिल्लों, जैस्मीन कौर, मीपांश कुमार गुप्ता, कुंवर प्रताप, तेगबीर सिंह, मंचुन कुमारी, जसमीत कौर, ग्लोरी और सिमरनप्रीत कौर शामिल थे। इस अवसर साहिबजादों की शहादत को समर्पित एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें किताबों और तस्वीरों के माध्यम से उनके जीवन और सिख इतिहास से संबंधित जानकारी प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर सिख धार्मिक अग्रणियों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की वीरता और साहस का सम्मान करने के लिए 26 दिसंबर को शहादत दिवस घोषित करने के फैसले के कारण, न केवल देश बल्कि विश्व को साहिबजादों के विलक्षण साहस से अवगत करवाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम तथा, प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, जिन्होंने अपने धर्म और आस्था की रक्षा के लिए बलिदान दिया।
उन्होंने कहा कि चूंकि 26 दिसंबर को अब राष्ट्रीय स्तर पर शहादत दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, इसलिए जम्मू और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी लोग न केवल गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों की बहादुरी से अवगत हुए है बल्कि उनके बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर रहे है। वे सिख गुरुओं के अपार योगदान और देश के सम्मान की रक्षा के लिए बलिदान की सिख परंपरा से भी परिचित हुए हैं।
सिख समुदाय के सदस्यों ने कहा कि 40 साल के लंबे इंतजार के बाद, केंद्र सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिया है, दोषियों को जेल भेजा है और इन दंगों के 4,000 से ज़्यादा पीड़ितों को 5 लाख रुपये तक का मुआवज़ा और नौकरियाँ दी हैं, जिससे पीड़ित सिख परिवारों का पुनर्वास और आर्थिक विकास सुनिश्चित हो रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री का सिख समुदाय के साथ एक मज़बूत और करीबी रिश्ता है, इसलिए उन्होंने पकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंध होने के बावजूद 2019 में करतारपुर कॉरिडोर खोलने की 70 साल पुरानी लंबित मांग को पूरा किया। सिख तीर्थयात्रियों के लिए गुरुधामों की यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए केंद्र सरकार की पहलों के तहत हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना शुरू की। सिख तीर्थ स्थलों को हवाई, रेल और सड़क मार्गों से जोड़कर सिख समुदाय,विशेषकर बच्चों एवं बुज़र्गों की यात्रा को सुविधाजनक एवं सुरक्षित बनाया।
राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने छोटे साहिबजादों की शहादत को भारत के इतिहास का सबसे मार्मिक अध्याय बताते हुए कहा," यह अत्याचार के समक्ष अटूट साहस का प्रतीक है। उन्होंने जनवरी 2022 में गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर बहादुर साहिबजादों की अद्वितीय शहादत को समर्पित इस दिन को राष्ट्रीय स्तर पर वार्षिक रूप से स्मरण करने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। यह शहादत दिवस साहिबजादों के साहस, दृढ़ विश्वास और नेकी को समर्पित है, जो आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। यह ऐतिहासिक कदम केंद्र सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र है, जो सिख दर्शन 'सरबत दा भला' के अनुरूप है, जिसने पिछले एक दशक में सभी समुदायों के समान सशक्तिकरण और समावेशी विकास सुनिश्चित किया है। पिछले 11 सालों में सिख गुरुओं की शिक्षाओं के दुनिया भर में प्रचार-प्रसार के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती, श्री गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की 350वीं जयंती के भव्य वैश्विक समारोहों ने सिख गुरुओं की शिक्षाओं को न केवल भारत में बल्कि दुनिया के लगभग हर कोने तक पहुँचाया है।”
उन्होंने आगे कहा, “केंद्र सरकार ने पिछले 11 सालों में सिख संस्कृति और विरासत के संरक्षण और प्रचार के लिए अनेक पहल की है, जिसमें सभी प्रमुख सिख तीर्थस्थलों के लिए बेहतर सड़क, ट्रेन और हवाई कनेक्टिविटी, हेमकुंड साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए 2,730.13 करोड़ रुपये की रोपवे परियोजना,जिससे सिख संगत के लिए इन पवित्र स्थानों की यात्रा आसान और परेशानी मुक्त हो गई है। केंद्र सरकार ने लंगर सेवाओं को जीएसटी से भी छूट, श्री हरमंदिर साहिब के लिए एफसीआरए पंजीकरण, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के 337 प्रताड़ित सिखों को भारतीय नागरिकता और 33 सिखों को विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करना शामिल हैं, जो केंद्र सरकार प्रदर्शित सम्मान को दर्शाते हैं।” उन्होंने आगे कहा, "केंद्र सरकार सिख समुदाय की आकांक्षाओं और योगदान के प्रति संवेदनशील है।"
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