चंडीगढ़ इलेक्ट्रिसिटी कर्मचारी संघ को मिल रहा शहर की समाज सेवी संस्थाओ का समर्थन
बिजली निजीकरण के खिलाफ समस्या समाधान टीम ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 12 दिसम्बर। चंडीगढ़ के बिजली विभाग को प्राइवेट कंपनी को देने के फैसले के खिलाफ चंडीगढ़ इलेक्ट्रिसिटी कर्मचारी संघ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहा है और उन्होंने बिजली के प्राइवेट करने से लोगों को आने वाली दिक्कतों के बारे में जागरूप करने का अभियान चलाया हुआ है। चंडीगढ़ की स्वयसेवी संस्था समस्या समाधान टीम ने भी चंडीगढ़ के बिजली विभाग को प्राइवेट करने के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी समेत मनोहर लाल खट्टर, बिजली विभाग के मिनिस्टर ऑफ़ स्टेट को पत्र लिख कर निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की है। समस्या समाधान टीम के मनोज शुक्ला का कहना है की चंडीगढ़ के बिजली विभाग को जे.इ.आर.सी द्वारा पिछले 5 साल से लगातार सब से बढ़िया काम करने के लिए इनाम दिया गया है| ये इनाम लोगो को बढ़िया सर्विस देने, उनकी शिकायत को शीघ्र निवारण और सुविधायों आदि को ध्यान में रख कर दिया गया है। जे.इ.आर.सी ने अपनी टिपण्णी में कहा है की चंडीगढ़ के बिजली विभाग में कर्मचारियों की कमी के बावजूद बिजली की आपूर्ति को सुचारू ढंग से चलाते हुए अपने ग्राहकों की समस्याओ का निवारण बहुत अच्छे से कर रहा है जो की सराहनीय है। इसके इलावा चंडीगढ़ में सब से सस्ती और बढ़िया बिजली उपलब्ध है और इसके बावजूद बिजली विभाग को आर्थिक लाभ हो रहा है। अगर चंडीगढ़ के बिजली विभाग का दुसरे राज्यों के बिजली विभाग के साथ तुलना करे, जिनका निजीकरण हो गया है तो हम पाएगे की चंडीगढ़ की बिजली दरे उनसे कम है और सुविधाए भी ज्यादा है। प्राइवेट कंपनी का मुख्य मकसद लाभ कमाना होता है इसलिए वो अपनी आमदन में घाटा दिखा कर बिजली दरे बढ़ाते रहते है और अगर चंडीगढ़ के बिजली विभाग का निजीकरण हुआ तो चंडीगढ़ वासियों को 10 से 12 रुपय बिजली का बिल अदा करना पड़ेगा जो की शहरवासियो के लिए हानिकारक है इसलिए हम चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ है और इस निजीकरण का विरोध करते है जो लोक विरोधी है।
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