Khushwant Singh Litfest : खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में 21 किताबों पर होगी चर्चा, कसाैली में 10 से 12 अक्तूबर तक होगा आयोजन
कसौली 03 अक्टूबर 2025 : खुशवंत सिंह लिटफेस्ट को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। 10 से 12 अक्तूबर तक कसौली क्लब में इसका आयोजन होगा। इसमें नेता, अभिनेता, साहित्यकार समेत 40 से ज्यादा नामचीन हस्तियां शिरकत करेंगी। कार्यक्रम में नामी लेखकों की 21 किताबों पर बार चर्चा होगी।
लिटफेस्ट में मुख्य वक्ताओं में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, मणिशंकर अय्यर, पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत, भारतीय सेना के पूर्व जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी शामिल हैं। इसके अलावा लेखक अधिरथ सेठी, चित्रकार अमोल पालेकर, अभिनेता अनूप सोनी, अभिनेत्री पूजा बेदी, ऑथर बजाज बिट्टल, जर्नलिस्ट चंद्र मोहन, तमिलनाडु की आरजे अनंथी अय्यप्पन शिरकत करेंगे। कार्यक्रम में फर्स्ट ग्लोबल की संस्थापक देविना मेहरा, शिक्षाविद, रंगमंच निर्देशक फैसल अलकाजी, बीबीसी की पूर्व पत्रकार गिलियन राइट, टीएमसी से पूर्व सांसद जवाहर सरकार उद्बोधन देंगे। कार्यक्रम में भारतीय सामाजिक उद्यमी नेहा किरपाल, ऑस्ट्रेलियाई साइबर अपराध शोधकर्ता पॉल वाटर्स, भारतीय अर्थशास्त्री प्रेम शंकर झा, भारतीय लेखिका रख्शंदा जलील, प्रसिद्ध सामाजिक टिप्पणीकार संतोष देसाई कार्यक्रम में शामिल होंगे।
दुलत ने धारा 370 पर लिखी है किताब
लिटफेस्ट में पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत की 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' पुस्तक पर चर्चा होगी। 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' किताब में दुलत ने नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इसमें कहा गया कि फारुख धारा 370 को हटाने के फैसले के समर्थन में थे। हालांकि, फारुख अब्दुल्ला ने सफाई देते हुए इसे लेखक की महज कल्पना करार दिया था। पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत को फारुख अब्दुल्ला परिवार का करीबी माना जाता है। इसी वर्ष 18 अप्रैल को इस किताब का विमोचन हुआ है।
इनकी किताबों पर भी चर्चा,
2012 में शुरू हुआ लिटफेस्ट
खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की 'द राजीव आई न्यू', पी. चिदंबरम की 'व्हिच वे विल इंडिया गो' किताब पर भी चर्चा होगी। खुशवंत सिंह के साहित्य के क्षेत्र में दिए योगदान और कसौली के प्रति लगाव को देखते हुए उनके बेटे और लेखक राहुल सिंह ने 2012 में ही पिता के जीवित रहते लिटफेस्ट शुरू किया था। खुशवंत सिंह का कसौली के अपर मॉल रोड पर 'राज विला' नाम से बंगला है। इसमें वे अकसर रहने आते थे। वह कसौली को अपना दूसरा घर मानते थे। ट्रेन टू पाकिस्तान पुस्तक के कई हिस्से भी उन्होंने 'राज विला' में ही लिखे। (SBP)
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