ऑपरेशन शील्ड: हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में अब 31 मई को मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में ऑपरेशन शील्ड के तहत 31 मई को मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट किया जाएगा। केंद्र सरकार ने गुरुवार को मॉक ड्रिल के लिए नई तारीख घोषित कर दी है। इससे पहले मॉक ड्रिल 29 मई (गुरुवार) को होनी थी, लेकिन बुधवार शाम को केंद्र सरकार ने इसे स्थगित करने का आदेश दिया था।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमलों से बचने के लिए सतर्क और तैयार करना है। इसके तहत ब्लैकआउट के जरिए बिजली की सप्लाई बंद कर, हवाई हमलों के हालात का सजीव अभ्यास किया जाएगा। सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जाएगा और यह बताया जाएगा कि हवाई हमले की स्थिति में कैसे सुरक्षित रहना है।
मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा और इमरजेंसी व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की जाएगी। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस बल, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और अन्य इमरजेंसी सेवाओं की तत्परता का मूल्यांकन किया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले 7 मई को भी इसी तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी, जिसमें हवाई हमलों की चेतावनी के लिए सायरन बजाए गए थे। उस मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को खुली जगहों से दूर रहने, अंधेरे में रहकर हमले से बचने के तरीके बताए गए थे।
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान सतर्क और जागरूक रहें, अफवाहों पर ध्यान न दें, और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
प्रशासन की तैयारी
पुलिस और प्रशासन के सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
सभी जिलों में इमरजेंसी कंट्रोल रूम सक्रिय किए गए हैं।
नागरिकों को मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा उपायों की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
क्यों जरूरी है मॉक ड्रिल?
आज के समय में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर खतरे बढ़ गए हैं, ऐसे में नागरिकों को संभावित खतरों के प्रति तैयार और जागरूक रखना बेहद जरूरी है। मॉक ड्रिल से प्रशासन को भी अपनी तैयारियों की हकीकत जांचने का मौका मिलेगा, ताकि असली हालात में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि मॉक ड्रिल सिर्फ अभ्यास है, इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
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