Independence Day 2025 : लाल किले से PM मोदी ने क्या-क्या कहा? भाषण की एक-एक बात यहां पढ़ें - सबसे आसान भाषा में
Babushahi Bureau
नई दिल्ली | 15 अगस्त, 2025 : भारत आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे गर्व और उत्साह के साथ मना रहा है। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परंपरा के अनुसार सबसे पहले राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद, वह लाल किले की प्राचीर पर पहुंचे और लगातार 12वीं बार तिरंगा फहराया। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने एक तरफ आतंकवाद और पाकिस्तान पर अब तक का सबसे कड़ा रुख दिखाया, तो वहीं दूसरी तरफ 2047 के 'विकसित भारत' का एक विस्तृत रोडमैप भी देश के सामने रखा।
140 करोड़ संकल्पों का पर्व, आपदा पीड़ितों के प्रति संवेदना
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत देशवासियों को बधाई देते हुए की। उन्होंने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियो, आजादी का यह महापर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व है। आज हर घर तिरंगा है और हर तरफ एक ही गूंज है - हमारी प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान।" उन्होंने हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र करते हुए कहा, "प्रकृति हम सबकी परीक्षा ले रही है। पीड़ितों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं और हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।"
आतंकवाद और सिंधु जल समझौते पर अब तक का सबसे कड़ा रुख
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आतंकवाद, पाकिस्तान और राष्ट्रीय सुरक्षा पर बेहद आक्रामक रुख अपनाया।
1. 'ऑपरेशन सिंदूर' पर पाकिस्तान को चेतावनी: उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के वीरों को सलाम करते हुए पहलगाम हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "पहलगाम में आतंकियों ने जैसा कत्लेआम किया, उससे पूरा विश्व चौंक गया था। 'ऑपरेशन सिंदूर' उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। हमारी सेना ने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकी ठिकानों को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है।"
2. आतंक पर 'न्यू नॉर्मल': उन्होंने साफ किया, "हम आतंकियों और उनको पालने वालों को अलग-अलग नहीं मानेंगे। भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल को अब और नहीं सहेगा।"
3. सिंधु जल समझौते को खारिज किया: सिंधु जल समझौते पर ऐतिहासिक बयान देते हुए उन्होंने कहा, "देश को पता लग गया है कि सिंधु जल समझौता सही नहीं है। दुश्मन की धरती हमारे पानी से सिंच रही है और मेरे देश की धरती प्यासी है। हमें ये सिंधु समझौता मंजूर नहीं है। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।"
आत्मनिर्भर भारत': चिप से लेकर खिलौने तक का विजन
पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता को देश के आत्मसम्मान की कसौटी बताया। उन्होंने युवाओं और उद्योग जगत से हर क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया।
1. स्वदेशी तकनीक और जेट इंजन: उन्होंने कहा, "क्या हमारा अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट इंजन नहीं हो सकता? होना चाहिए।" उन्होंने बताया कि 50-60 साल पहले सेमीकंडक्टर का विचार फाइलों में अटक गया था, लेकिन अब इसी साल के अंत तक 'मेड इन इंडिया' चिप्स भारत में आ जाएगी।
2. स्टार्टअप्स और MSMEs की ताकत: उन्होंने कहा, "आज लाखों स्टार्टअप्स देश को इनोवेशन की ताकत दे रहे हैं। मैंने मन की बात में खिलौनों की बात की थी, आज मेरा देश खिलौने एक्सपोर्ट कर रहा है।" उन्होंने कहा कि हमें 'दाम कम, लेकिन दम ज्यादा' के भाव से आगे बढ़ना है।
3. आर्थिक आत्मनिर्भरता: उन्होंने UPI की सफलता का जिक्र करते हुए कहा, "भारत का धन बाहर क्यों जाए?" उन्होंने उद्योग जगत से फर्टिलाइजर्स में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने की अपील की।
2047 के 'विकसित भारत' का विजन
प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई क्षेत्रों का रोडमैप पेश किया:
1. ऊर्जा: उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में सोलर एनर्जी 30 गुना बढ़ी है और 2047 तक परमाणु ऊर्जा को 10 गुना बढ़ाने का लक्ष्य है।
2. क्रिटिकल मिनरल्स: उन्होंने बताया कि देश में 1200 से ज्यादा स्थानों पर क्रिटिकल मिनरल्स की खोज चल रही है।
3. अंतरिक्ष: प्रधानमंत्री ने घोषणा की, "ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS से लौट चुके हैं। भारत का भी अपना स्पेस स्टेशन होगा, भारत इस पर काम कर रहा है।"
इसके बाद उन्होंने संविधान निर्माताओं को याद करते हुए धारा 370 को हटाने को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि बताया। उनका पूरा संबोधन राष्ट्रीय सुरक्षा पर सख्त संदेश और भविष्य के भारत के लिए एक स्पष्ट विजन का संगम था।
MA
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