Himachal Pradesh: Drug Detector Kit : कौन सा छात्र नशेड़ी है, ड्रग्स लेता है; स्कूलों में यह किट खोल देगी सारे राज
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 13 सितंबर 2025 :
हिमाचल के स्कूलों में ड्रग्स की पहचान के लिए अब एक नए फार्मूले पर काम शुरू हुआ है। हिमाचल पुलिस की सीआईडी ने शिक्षा विभाग को एक नया मेकैनिज्म बताया है।
इस मेकैनिज्म में यूरिन आधारित रैपिड ड्रग टेस्टिंग किट से यह पहचान की जा सकती है कि कौन सा स्कूली छात्र या छात्रा ड्रग्स का सेवन कर रही है? शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के उपनिदेशकों को इस बारे में पत्र भेजकर राय मांगी है। इसमें कहा गया है कि सीआईडी की ओर से बताए गए इस नई ड्रग टेस्ट के तरीके से ऐसे छात्रों को बचाया जा सकता है, जो ड्रग्स की चपेट में नए-नए आए हैं।
सुझाव यह दिया गया है कि यदि शिक्षक को ऐसे किसी स्टूडेंट के बारे में शक हो, तो लोकल पुलिस की मदद लेकर यह टेस्टिंग की जा सकती है। इसके लिए पुलिस में केस बनाने की जरूरत नहीं है, न ही छात्र को पुलिस के हवाले करने की जरूरत है। यह कोशिश छात्र के करियर को बचाने के लिए की जाएगी, ताकि उसे इस लत से बाहर निकाला जा सके।
सभी जिलों से यह भी पूछा गया है कि इस तरह का मेकैनिज्म बनाने में क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं? इसके बाद शिक्षा विभाग एक राज्य स्तरीय कार्यशाला करेगा, जिसमें स्टेट सीआईडी के अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा। इससे यह पता चलेगा कि फील्ड में ग्रामीण स्तर पर पुलिस के पास कहां-कहां इस तरह की ड्रग टेस्टिंग किट मौजूद होंगी? क्या इन्हें स्कूलों को ही संभालना होगा और टेस्ट के लिए प्रोसीजर क्या होगा? हिमाचल में ड्रग्स की लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए इस तरह के प्रयोग अब किए जा रहे हैं।
स्कूल निदेशालय का कहना है कि यह ड्रग टेस्ट सिंपल लगता है, इसलिए इसे करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। बहरहाल राज्य स्तरीय वर्कशाप में ही आगे की बातें ज्यादा स्पष्ट हो पाएंगी। यह योजना सिरे चढ़ती है तो बच्चों के भविष्य को अंधकार में जाने से बचाया जा सकता है। (SBP)
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