Panjab University की 59 साल पुरानी Senate-Syndicate भंग करने पर 'भड़के' Sukhbir Badal! जानें क्या कहा?
Babushahi Bureau
चंडीगढ़, 1 नवंबर, 2025 : केंद्र सरकार (Centre Government) द्वारा 'पंजाब दिवस' (Punjab Day) के मौके पर पंजाब यूनिवर्सिटी (Panjab University - PU) की 59 साल पुरानी सीनेट (Senate) और सिंडिकेट (Syndicate) को भंग (dissolve) करने के फैसले पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया (strongly reacted) दी है।
सुखबीर बादल ने 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में केंद्र के इस फैसले की कड़ी निंदा (strongly condemn) की है। उन्होंने इसे पंजाबियों के "शैक्षणिक और बौद्धिक जीवन के सबसे मजबूत प्रतीक" (strongest symbol of academic and intellectual life) पर हमला बताया है।
"पंजाब दिवस पर 'चौंकाने वाला तोहफा'"
बादल ने इसे "पंजाब दिवस पर 'चौंकाने वाला तोहफा' (shocking 'gift')" करार देते हुए, इसे पंजाब के लोगों, खासकर शिक्षाविदों और छात्रों के खिलाफ एक "शैक्षणिक आक्रोश" (academic outrage) बताया।
'ब्यूरोक्रेटिक कंट्रोल' का लगाया आरोप
अकाली दल अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि केंद्र के इस फैसले से यूनिवर्सिटी का नियंत्रण (control) शैक्षणिक हाथों (academic) से निकलकर पूरी तरह से प्रशासनिक और नौकरशाही (administrative and bureaucratic) हाथों में चला जाएगा।
1. उन्होंने यूनिवर्सिटी सीनेट में यूटी (UT) के ब्यूरोक्रेट्स (bureaucrats) के नामांकन पर "हैरानी" जताई।
2. बादल ने मौजूदा ग्रेजुएट कांस्टीट्यूएंसी (graduate constituency) को "चौंकाने वाले" तरीके से खत्म करने की भी निंदा की, और कहा कि इसे "तानाशाही नौकरशाही नियंत्रण" (dictatorial bureaucratic control) से बदल दिया गया है।
"फैसला तुरंत वापस ले केंद्र": अकाली दल
सुखबीर बादल ने भारत सरकार (Govt of India) से इन फैसलों को "तुरंत वापस लेने" (immediately reverse) की मांग की, और इसे पंजाब के खिलाफ "घोर अन्याय और भेदभाव" (brazen injustice and discrimination) बताया।
1. एकजुट होने की अपील: उन्होंने पंजाब के सभी शिक्षाविदों (academicians) और छात्रों (students), विशेष रूप से @OfficialPU के छात्रों से, इस "आक्रोश" के खिलाफ एक झंडे के नीचे एकजुट (unite) होने का आह्वान किया।
2. अकाली दल करेगा नेतृत्व: उन्होंने ऐलान किया कि शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) इस अन्याय के खिलाफ लोकतांत्रिक लड़ाई (democratic fight) का "नेतृत्व (lead from the front)" करेगा।
I strongly condemn the centre’s decision to dissolve the Syndicate and Senate of the Panjab University, the strongest symbol of Punjabis’ academic and intellectual life.
▪️This is nothing short of an academic outrage against the people of Punjab especially our academicians and… pic.twitter.com/z7G5WfCpRh
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) November 1, 2025
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