₹2200 करोड़ का 'घोटाला'! US ने भारत के 'आर्थिक भगोड़े' Praveen Kapoor को किया डिपोर्ट, जानें पूरा मामला?
Babushahi Bureau
नई दिल्ली/गुरुग्राम, 7 नवंबर, 2025 : प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के एक बड़े मामले में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। रियल एस्टेट कंपनी SRS ग्रुप के प्रमोटर (promoter) और ₹2200 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी के आरोपी प्रवीण कुमार कपूर (Praveen Kumar Kapoor) को अमेरिका (USA) से भारत डिपोर्ट (deport) कर दिया गया है।
ED ने (गुरुवार को) पुष्टि की कि कपूर को 2 नवंबर को नई दिल्ली पहुंचते ही हिरासत में ले लिया गया।
America ने एयरपोर्ट से ही लौटाया
यह कार्रवाई Interpol द्वारा जारी 'रेड कॉर्नर नोटिस' (Red Corner Notice) के आधार पर हुई। अधिकारियों के मुताबिक, प्रवीण कपूर ने जैसे ही अमेरिका के नेवार्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Newark International Airport) पर देश में प्रवेश (entry) करने की कोशिश की, उसे रोक लिया गया।
अमेरिकी अधिकारियों ने उसका B1/B2 वीजा रद्द कर दिया और उसे 2 नवंबर को वापस नई दिल्ली (New Delhi) भेज दिया। दिल्ली में, ED (गुरुग्राम जोनल ऑफिस) द्वारा जारी एक लुकआउट सर्कुलर (Lookout Circular) के आधार पर एजेंसी ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
क्या है ₹2200 करोड़ का 'SRS घोटाला'?
1. 81 FIRs: ED ने SRS ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। यह जांच फरीदाबाद, दिल्ली और CBI द्वारा दर्ज की गई 81 FIRs के आधार पर की गई।
2. आरोप: आरोप है कि SRS ग्रुप और प्रवीण कपूर ने निवेशकों (investors) और बैंकों (banks) के साथ मिलकर ₹2200 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी (fraud) की है।
3. काम का तरीका: कंपनी ने "आकर्षक रिटर्न" (high returns) का वादा करके फर्जी निवेश योजनाओं (fake investment schemes) में लोगों से पैसा जुटाया और फिर इस पैसे को सैकड़ों शेल कंपनियों (shell companies) के जरिए "वॉश" (laundered) किया गया।
कई सालों से था फरार, 2 प्रमोटर अब भी 'लापता'
प्रवीण कपूर कई वर्षों से फरार (absconding) था और जांच से बच रहा था। इस मामले में ED पहले ही ₹2295.98 करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क (provisionally attached) कर चुकी है।
कपूर को गुरुग्राम की विशेष PMLA कोर्ट द्वारा 'भगोड़ा अपराधी' (Proclaimed Offender) भी घोषित किया जा चुका था। इस घोटाले में कपूर के अलावा दो अन्य प्रमोटर-निदेशक, जितेंद्र कुमार गर्ग और सुनील जिंदल, भी शामिल हैं, जो अभी भी फरार हैं।
ED ने कपूर और अन्य आरोपियों के खिलाफ 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम' (FEOA) के तहत भी कार्यवाही शुरू की है, ताकि उन्हें आधिकारिक तौर पर 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' (Fugitive Economic Offender) घोषित किया जा सके।
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