Explainer: 'फरीदाबाद के 4 डॉक्टर' और 'दिल्ली ब्लास्ट'! जानें 'चांदनी चौक' में हुए 'कत्लेआम' की A-Z 'पूरी कहानी'
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 11 नवंबर, 2025 : दिल्ली (Delhi) के लाल किला (Red Fort) के पास सोमवार (10 नवंबर) की शाम करीब 6:52 बजे, एक Hyundai i20 कार में हुए शक्तिशाली विस्फोट (powerful explosion) ने 14 साल बाद राजधानी को फिर से दहला दिया है। इस ब्लास्ट (blast) में 9 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हैं।
यह धमाका लाल किला मेट्रो स्टेशन (Red Fort Metro Station) के गेट नंबर 1 के पास सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर हुआ। जांच एजेंसियों (investigative agencies) के मुताबिक, यह एक 'फिदायीन' (suicide) हमला हो सकता है, जिसके तार फरीदाबाद (Faridabad) से उसी दिन (सोमवार सुबह) पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक बड़े टेरर मॉड्यूल (terror module) से जुड़ रहे हैं।
10 नवंबर की शाम: दिल्ली में 'महा-विस्फोट'
सोमवार शाम का समय था और लाल किला-चांदनी चौक (Chandni Chowk) का इलाका वाहनों और पैदल यात्रियों से खचाखच भरा हुआ था।
1. शाम 6:52 बजे: लाल किला ट्रैफिक सिग्नल पर लाल बत्ती (red light) के पास एक धीमी गति से चल रही Hyundai i20 कार में अचानक भीषण विस्फोट हुआ।
2. 4Km तक गूंजी आवाज: विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी गूंज चार किलोमीटर दूर ITO (आईटीओ) और सिविल लाइंस (Civil Lines) तक महसूस की गई। कार के परखच्चे (parts) 250 मीटर दूर तक जा गिरे।
3. अफरातफरी: आसपास मौजूद कई गाड़ियों में आग लग गई और इलाके में अफरातफरी मच गई। लोगों ने इसे भूकंप (earthquake) या गैस विस्फोट समझा।
4. बाजार बंद: दहशत के मारे चांदनी चौक, कनॉट प्लेस (CP) और दरियागंज के कई बाजारों में दुकानों के शटर गिरने लगे और बाजार एहतियातन बंद करवा दिए गए।
गवाह की जुबानी: "शटर हिल गया, चीखें सुनाई दीं"
चांदनी चौक के एक कारोबारी रमेश गुप्ता ने बताया, "हम दुकान बंद करने ही वाले थे कि अचानक जोरदार धमाका हुआ। पूरा शटर हिल गया। पहले लगा जैसे पास में ट्रांसफार्मर फटा हो, लेकिन कुछ सेकंड में लोगों की चीखें सुनाई देने लगीं।"
दहशत का माहौल: मेट्रो रुकी, नेटवर्क जाम
1. मेट्रो पर असर: विस्फोट की तीव्रता से लाल मंदिर (Lal Mandir) और मेट्रो स्टेशन पर लगे कांच के दरवाजे टूट गए। सुरक्षा कारणों से लाल किला, दिल्ली गेट, ITO और राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर सेवाएं कुछ देर रोक दी गईं।
2. नेटवर्क ठप: धमाके के बाद इलाके में मोबाइल नेटवर्क (mobile network) पर अचानक लोड बढ़ गया। घबराए हुए लोग अपने घरवालों को फोन करने लगे, जिससे कुछ समय तक कॉल कनेक्ट (call connect) नहीं हो पा रहे थे। पुलिस को एक घंटे में 200 से अधिक कॉल्स मिलीं।
एक्शन में सरकार: 37 मिनट में आग पर काबू
1. शाम 7:29 बजे: सूचना मिलते ही 7 दमकल गाड़ियों (fire trucks) ने मौके पर पहुंचकर 37 मिनट में आग पर काबू पा लिया।
2. रात 9:23 बजे: NSG (एनएसजी) और NIA (एनआईए) की टीमें FSL (फॉरेंसिक) के साथ जांच के लिए मौके पर पहुंचीं।
3. रात 9:28 बजे: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) घायलों का हाल जानने LNJP (एलएनजेपी) अस्पताल पहुंचे।
4. रात 9:42 बजे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर घटना पर दुख जताया और कहा कि उन्होंने गृह मंत्री और अन्य अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा (reviewed) की है।
5. रात 10:35 बजे: गृह मंत्री अमित शाह खुद घटनास्थल (blast site) पहुंचे और जांच में जुटे अधिकारियों से जानकारी हासिल की।
Explainer: क्या है 'फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल'?
दिल्ली ब्लास्ट की कड़ियां सीधे तौर पर फरीदाबाद (Faridabad) में उसी दिन (सोमवार, 10 नवंबर की सुबह) पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के टेरर मॉड्यूल से जुड़ रही हैं।
1. सुबह का 'ऑपरेशन': 2900 किलो विस्फोटक बरामद दिल्ली ब्लास्ट से कुछ ही घंटे पहले, 10 नवंबर की सुबह, एजेंसियों ने फरीदाबाद में एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इस रेड (raid) में 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी, जिसमें 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate), डिटोनेटर, टाइमर और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स शामिल थे।
2. आतंकी 'डॉक्टर' हुए थे गिरफ्तार : इस मॉड्यूल में ज्यादातर कश्मीर (Kashmir) के डॉक्टर (doctors) शामिल थे, जो फरीदाबाद और NCR (एनसीआर) में किराए के मकानों में विस्फोटक जमा कर रहे थे।
2.1 डॉ. मुझम्मिल शकील (Dr. Mujammil Shakeel): पुलवामा (Pulwama) का रहने वाला। वह अल-फलाह अस्पताल (फरीदाबाद) में काम करता था। उसने धौज और फतेहपुर टागा गांवों में दो मकान किराए पर लेकर वहां विस्फोटक (explosives) रखे थे। उसे 10 नवंबर की सुबह ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
2.2 डॉ. अदील अहमद राथर (Dr. Adil Ahmad Rather): अनंतनाग (Anantnag), J&K का रहने वाला। उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर (Saharanpur) से गिरफ्तार किया गया था। वह युवाओं को भड़काने और हथियार (weapons) छिपाने में शामिल था।
2.3 डॉ. शाहीन शाहिद (Dr. Shaheen Shahid): फरीदाबाद में रहने वाली यह महिला डॉक्टर, अपनी कार में हथियार छिपाने में मदद करती थी और इसी आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थी।
'चौथा डॉक्टर' और 'पैनिक ब्लास्ट' की थ्योरी
4. डॉक्टर उमर (Dr. Umar) - 'फिदायीन' हमलावर? सूत्रों का कहना है कि लाल किला ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई Hyundai i20 कार का ड्राइवर, जो फिदायीन हमलावर (fidayeen attacker) माना जा रहा है, वह कथित रूप से डॉक्टर मोहम्मद उमर (Dr. Mohammed Umar) है।
4.1 कौन था उमर: डॉ. उमर भी फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज (Al-Falah Medical College) में तैनात था और इसी 'डॉक्टर मॉड्यूल' (Doctor Module) का चौथा सदस्य था।
4.2 पैनिक ब्लास्ट (Panic Blast): सूत्रों का कहना है कि 10 नवंबर की सुबह जब उसके तीनों साथी (डॉ. मुझम्मिल, डॉ. आदिल, डॉ. शाहीन) गिरफ्तार हो गए, तो डॉ. उमर खौफजदा (panicked) हो गया। उसे डर था कि वह भी पकड़ा जाएगा। इसी घबराहट में, उसने उसी शाम लाल किले के पास कार में खुद को उड़ा लिया। CCTV फुटेज में उसका कटा हुआ हाथ (severed hand) मिला है, हालांकि DNA से ही इसकी पक्की पुष्टि होगी।
कार का 'ट्रेल' और 'तारिक' की भूमिका
1. कार का मालिक: जांच में पता चला है कि यह Hyundai i20 कार गुरुग्राम (Gurugram) में सलमान नाम के व्यक्ति ने खरीदी थी, जिसने इसे देवेंद्र को बेचा, और आखिर में यह डॉ. उमर तक पहुंची।
2. लॉजिस्टिक सपोर्ट: जांच में तारिक (Tariq) (निवासी पुलवामा, J&K) का नाम भी सामने आया है, जिसने यह कार उमर तक पहुंचाने में मदद की थी।
विस्फोटक (ANFO) और जांच की दिशा
फोरेंसिक टीम (forensic team) के मुताबिक, यह एक हाई-ग्रेड (high-grade) ब्लास्ट था, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) जैसे शक्तिशाली विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया लगता है। पुलिस अब इन चारों डॉक्टरों के बीच के कनेक्शन और उनकी बड़ी प्लानिंग की जांच कर रही है।
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