हिमाचल में बढ़ रहा सड़क हादसों का ग्राफ; पूर्व मुख्यमंत्री ने जताई चिंता, मानवीय गलती मुख्य कारण
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 03 जून 2025 :
प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इनमें असमय जान गंवाने वालों का आंकड़ा भी चिंतनीय है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने दुर्घटनाओं को लेकर गहरी चिंता जताई है।
उन्होंने कहा कि चार दर्दनाक हादसों में दस लोगों की मौत हुई है। केवल एक ही दिन में हुई ये चार सड़क दुर्घटनाएं और उनसे जुड़ी दस परिवारों की त्रासदी ने सभी को झकझोर दिया है।
शांता कुमार ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा हाल ही में दिए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
उनके अनुसार भारत में प्रति वर्ष करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब 1.88 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। इतना ही नहीं, इन दुर्घटनाओं से भारत को हर साल घरेलू उत्पाद का लगभग तीन प्रतिशत नुकसान होता है।
शांता कुमार ने बताया कि विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं मानवीय गलती के कारण होती हैं, जिनमें तेज रफ्तार, शराब पीकर वाहन चलाना और यातायात नियमों का उल्लंघन प्रमुख कारण हैं।
विदेशों से सबक लेने की जरूरत
विश्व के कई देशों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी कम है, क्योंकि वहां यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अमरीका में यदि कोई व्यक्ति तेज रफ्तार से कार चलाते पकड़ा जाता है, तो उसे भारी जुर्माना, लाइसेंस निलंबन जैसे सख्त दंड दिए जाते हैं। इसी कारण वहां लोग नियम तोड़ने से बचते हैं।
भारत को चाहिए सख्त कानून
शांता कुमार ने सरकार से अपील की कि भारत में भी सड़क यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त सजा का प्रावधान किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि तेज रफ्तार या नशे में गाड़ी चला रहे लोगों पर सख्ती बरती जाए। (SBP)
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