3 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, 42 हजार से ज्यादा जवान तैनात; हाईटेक निगरानी और कड़े सुरक्षा इंतज़ाम
बाबू शाही ब्यूरो
श्रीनगर, 05 जून 2025: इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। यह 38 दिवसीय यात्रा जम्मू-कश्मीर की पवित्र अमरनाथ गुफा तक दो मार्गों — पहलगाम (48 किमी) और बालटाल (14 किमी) — से संपन्न होगी। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी इस यात्रा को लेकर इस बार अभूतपूर्व सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं।
आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बढ़ाई
अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा और निगरानी को और सख्त कर दिया है। इस बार करीब 42,000 से अधिक केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया है, जिनमें CRPF, BSF, ITBP, SSB और CISF शामिल हैं।
हाइटेक निगरानी: AI, ड्रोन और CCTV की मदद से चौकसी
सुरक्षा केवल जवानों की तैनाती तक सीमित नहीं है, बल्कि इस बार आधुनिक तकनीक का भी पूरा उपयोग किया जा रहा है:
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हजारों CCTV कैमरे संवेदनशील इलाकों में लगाए गए हैं।
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ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है।
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AI आधारित सिस्टम के जरिए संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत पहचान की जा रही है।
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सेना और खुफिया एजेंसियों के बीच रियल टाइम डेटा साझा किया जा रहा है।
प्रशासन ने की व्यापक तैयारियां
श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए सरकार और प्रशासन ने व्यापक स्तर पर इंतज़ाम किए हैं:
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सड़कों की मरम्मत और मार्ग की सफाई तेजी से की जा रही है।
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मेडिकल कैंप और आपातकालीन सेवाएं हर पड़ाव पर उपलब्ध रहेंगी।
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भीड़ प्रबंधन के लिए स्वयंसेवकों और प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति हो रही है।
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स्थानीय प्रशासन और आम नागरिक सहयोगात्मक भूमिका निभा रहे हैं।
पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ संख्या, इस बार और ज्यादा की उम्मीद
पिछले वर्ष 5.12 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा के दर्शन किए थे। इस बार यह संख्या और अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में हर वर्ष प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।
सरकार का संदेश: यह सिर्फ तीर्थ नहीं, राष्ट्रीय एकता का पर्व
सरकार का कहना है कि अमरनाथ यात्रा सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता और साहस की मिसाल है। हर श्रद्धालु की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता और कर्तव्य है।
श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले पंजीकरण अवश्य कराएं, सरकार द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य मानकों का पालन करें और यात्रा मार्ग पर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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