सेक्टर-26 मंडी की बदहाली पर फूटा व्यापारियों का गुस्सा, प्रशासन की नींद टूटी — जल्द समाधान की उम्मीद
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 4 जून:। चंडीगढ़ की शान मानी जाने वाली सेक्टर-26 की अनाज और सब्जी मंडी इन दिनों गंदगी, अव्यवस्था और अतिक्रमण के कारण खुद ही एक बदनुमा दाग बन गई है। यह मंडी न केवल शहर की आर्थिक धड़कन है, बल्कि यहां रोजाना हजारों ग्राहक और व्यापारी आते हैं। लेकिन हालात ऐसे बन चुके हैं कि अब यह मंडी चंडीगढ़ प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो रही है।
एक दर्जन अफसरों की जिम्मेदारी, फिर भी बदहाल मंडी
चौंकाने वाली बात यह है कि मंडी के रख-रखाव की जिम्मेदारी सीधे प्रशासन के करीब एक दर्जन अधिकारियों पर है। लेकिन नतीजा शून्य। गंदगी के ढेर, जगह-जगह अतिक्रमण, अव्यवस्थित पार्किंग और अवैध रेहड़ियों की भरमार ने पूरे मंडी क्षेत्र को नारकीय बना दिया है।
व्यापारियों का सब्र टूटा, उठाई आवाज
चंडीगढ़ व्यापार मंडल (CBM) और ग्रेन मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन (GMWA) ने अब मोर्चा खोल दिया है। अध्यक्ष संजीव चड्ढा, महासचिव बलविंदर सिंह, मोहित सूद, राहुल गोयल, साहिल, सुनील गुप्ता और प्रवक्ता दिवाकर सहूंजा के नेतृत्व में संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने कृषि सचिव हरि कल्लिकट (IAS) और पीसीएस अधिकारी पवित्तर सिंह से मुलाकात की। उन्होंने मंडी की गंभीर स्थिति को विस्तार से समझाया।
“गंदगी और अवैध विक्रेता व्यापार और सम्मान दोनों छीन रहे हैं”
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि अवैध विक्रेताओं ने मंडी के हर कोने पर कब्जा कर रखा है। नियमित सफाई नहीं होती, शौचालय और कूड़ेदान की हालत जर्जर है। ग्राहक आते हैं, लेकिन यहां की स्थिति देख कर लौट जाते हैं। व्यापारियों का धंधा चौपट हो रहा है, और प्रशासन सिर्फ कागज़ी कार्रवाइयों में उलझा है।
मांगें जो उठाई गईं:
मंडी में सफाई व्यवस्था के लिए नियमित तैनाती और निगरानी
अवैध रेहड़ी-फड़ी हटाने के लिए सख्त कार्रवाई
अनाज मंडी और सब्जी मंडी के बीच स्पष्ट सीमांकन के लिए भौतिक बैरिकेड्स
स्थायी समाधान के लिए नगर निगम, पुलिस, एस्टेट ऑफिस और इंजीनियरिंग विभाग की संयुक्त बैठक
प्रशासन का रुख बदला, आश्वासन मिला
कृषि सचिव हरि कल्लिकट ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि जल्द ही चंडीगढ़ के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक संयुक्त उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें सभी संबंधित विभाग शामिल होंगे। उनका कहना था कि समस्याओं का स्थायी समाधान ही एकमात्र विकल्प है और प्रशासन अब इस दिशा में गंभीर है।
व्यापारियों की अंतिम चेतावनी: अब और इंतज़ार नहीं!
प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन के रवैये की सराहना तो की, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया कि अब केवल आश्वासन नहीं, एक्शन चाहिए। यदि जल्दी कार्रवाई नहीं हुई तो व्यापारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
सेक्टर-26 की मंडी चंडीगढ़ की आर्थिक धड़कन है, लेकिन मौजूदा हालात ने इसे दर्दनाक स्थिति में पहुंचा दिया है। व्यापारियों की आवाज अब प्रशासन तक पहुंच चुकी है। आने वाले दिनों में यदि वादे हकीकत में बदले, तो न केवल मंडी को नई दिशा मिलेगी, बल्कि यह प्रशासन के लिए भी एक बड़ी राहत होगी।
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