हरियाणा कांग्रेस में नई जान फूंकने चंडीगढ़ पहुंचे राहुल गांधी, गुटबाज़ी पर दिखाई सख्ती, संगठन निर्माण को मिली रफ्तार
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 4 जून:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा कांग्रेस के नेताओं के साथ अहम बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पिछले 11 वर्षों से ठप पड़े हरियाणा कांग्रेस के संगठन को पुनर्जीवित करना और पार्टी में फैली गुटबाज़ी पर लगाम लगाना था।
राहुल गांधी ने हरियाणा कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि “संगठन की मजबूती के लिए सबका साथ जरूरी है, गुटबाज़ी और आपसी मनमुटाव से दूर रहें।”
तीन घंटे लंबी बैठक, वरिष्ठ नेताओं से लिया फीडबैक
पार्टी मुख्यालय, चंडीगढ़ में आयोजित इस तीन घंटे की मैराथन बैठक में राहुल गांधी ने ‘संगठन सृजन कार्यक्रम’ के तहत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान, कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा, अशोक तंवर, अजय यादव और बीरेंद्र सिंह सहित कई नेताओं से सीधे संवाद किया।
उन्होंने प्रत्येक नेता से फीडबैक लिया और गुटबाज़ी के नुकसान पर खुलकर बात की।
ऑब्जर्वरों को ईमानदारी से चयन का निर्देश, गुजरात का उदाहरण भी दिया
बैठक के दौरान राहुल गांधी ने एआई सीसी और पीसीसी के पर्यवेक्षकों (ऑब्जर्वरों) के साथ अलग से भी बातचीत की। उन्होंने गुजरात के संगठन चयन अनुभव साझा करते हुए कहा कि हर जिले में जिला अध्यक्षों का चयन पूरी ईमानदारी से किया जाए, न कि किसी गुटबाज़ी या सिफारिश के आधार पर।
राहुल गांधी का स्पष्ट संदेश: "गुटबाज़ी नहीं चलेगी"
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी बी. के. हरिप्रसाद ने कहा “हरियाणा कांग्रेस में संगठन की कमी और गुटबाज़ी की वजह से पार्टी को नुकसान हुआ है। राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि अब संगठन में अनुशासन और ईमानदारी जरूरी है।”
30 जून तक घोषित होंगे नए जिला अध्यक्ष
बी. के. हरिप्रसाद ने बताया कि 10 जून से जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और 30 जून तक उम्मीदवारों के नाम हाईकमान को भेजे जाएंगे। हर जिले से 6 नामों का पैनल बनेगा और चयन में 35 से 55 साल की उम्र, पार्टी में 5 साल का अनुभव, साफ छवि और गुटबाज़ी से दूर रहने को प्राथमिकता मिलेगी।
महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष को लेकर चुप्पी, लेकिन संगठन को लेकर दिखी गंभीरता
जब हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर सवाल पूछा गया, तो बीके हरिप्रसाद ने चुप्पी साध ली। लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि अब हर ऑब्जर्वर अपने जिले के नेताओं से ही संवाद करेगा, न कि किसी बाहरी प्रभाव में आएगा।
उदयभान और शैलजा ने बैठक को बताया ऐतिहासिक
प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदय भान ने कहा,“राहुल गांधी का टाइट शेड्यूल होने के बावजूद हरियाणा नेताओं को पूरा समय देना, यह दर्शाता है कि कांग्रेस संगठन निर्माण को लेकर कितनी गंभीर है। यह साल कांग्रेस संगठन के पुनर्निर्माण का वर्ष होगा।”
कुमारी शैलजा ने कहा, “देरी ज़रूर हुई है, लेकिन अब राहुल गांधी की पहल से संगठन में नई ऊर्जा आएगी।”
बीरेंद्र सिंह ने भी भरोसा जताया कि संगठन खड़ा होते ही पार्टी की स्थिति मजबूत होगी।
गुटबाज़ी बनी रही सबसे बड़ी बाधा
हरियाणा में पिछले 11 वर्षों से कोई स्थायी संगठन नहीं है। गुटबाज़ी और आपसी मतभेद ने कांग्रेस को लगातार कमजोर किया है। 2019 और 2024 के विधानसभा चुनावों में इसी वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, जबकि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में लौटने में कामयाब रही।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प
राहुल गांधी की बैठक से पहले कांग्रेस भवन के बाहर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया और धक्का-मुक्की की। इस पर दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई।
राहुल गांधी का यह दौरा हरियाणा कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। अगर उनकी ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों और सख्ती को नेताओं ने गंभीरता से लिया, तो संगठन का पुनर्गठन न केवल संभव है, बल्कि 2029 की चुनावी तैयारी के लिए एक ठोस आधार भी बन सकता है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →