शिक्षा नवाचार का मंच बने, शिक्षक बनें समाज के मार्गदर्शक” — चंडीगढ़ प्रशासक गुलाब चंद कटारिया;
198 नवनियुक्त टीजीटी को सौंपे नियुक्ति पत्र, शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 5 जून 2025: चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने 198 नवनियुक्त प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर ने न केवल प्रशासन की पारदर्शी और योग्यता आधारित भर्ती प्रक्रिया को रेखांकित किया, बल्कि चंडीगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी।
राज्यपाल का संदेश: शिक्षक बनें चरित्र और ज्ञान के वाहक
अपने ओजस्वी संबोधन में कटारिया ने कहा,“आज का दिन केवल नियुक्ति पत्र का नहीं, राष्ट्र निर्माण की यात्रा में आपके योगदान की शुरुआत का है। शिक्षक समाज की नींव हैं, और उनका कर्तव्य विद्यार्थियों को केवल परीक्षा नहीं, बल्कि जीवन के लिए तैयार करना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक ज्ञान के दीपक हैं, और शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो केवल रोजगार नहीं, समाज को दिशा देने की क्षमता रखता है। उन्होंने शिक्षकों को निरंतर सीखने, आत्ममंथन और प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया, ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में विद्यार्थियों को मार्गदर्शित कर सकें।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया की प्रशंसा
राज्यपाल ने मुख्य सचिव राजीव वर्मा की सराहना करते हुए कहा कि विभाग ने 993 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से पूरा किया है। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को संरचित, व्यवस्थित और समयबद्ध बताया, जो प्रशासन की निष्ठा और उत्तरदायित्व का प्रतीक है।
चंडीगढ़ में शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा
चंडीगढ़ के 111 सरकारी स्कूलों में लगभग 1.5 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें 62,021 छात्र माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर हैं। वर्तमान में 2,442 स्वीकृत टीजीटी पदों में से 693 पद रिक्त हैं। ऐसे में 198 नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में एक सार्थक पहल है।
भारत की ज्ञान परंपरा और विश्वगुरु बनने का लक्ष्य
राज्यपाल ने कहा,“अगर भारत कभी विश्वगुरु रहा है, तो वह केवल ज्ञान के बल पर। अब समय आ गया है कि हम उस विरासत को पुनर्जीवित करें। शिक्षक इस पुनर्निर्माण की धुरी हैं।” उन्होंने सुदामा और श्रीकृष्ण के प्रसंग का उल्लेख कर गुरु-शिष्य परंपरा के मूल्यों — विनम्रता, कृतज्ञता और सेवा — को उजागर किया।
विशेष सम्मान और उत्साहजनक उपस्थिति
इस समारोह में उन प्रशासकीय अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से संपन्न करने में अहम भूमिका निभाई।
मुख्य सचिव राजीव वर्मा, सचिव शिक्षा प्रेरणा पुरी, निदेशक स्कूल शिक्षा हरसुहिंदर पाल सिंह बराड़ और डीपीआर राजीव तिवारी भी मंच पर उपस्थित रहे।
शिक्षक बने प्रेरणास्रोत
राज्यपाल ने अंत में नवनियुक्त शिक्षकों से अपील की: “आप केवल अध्यापक नहीं, प्रेरणा के स्रोत बनें। आपके कर्म, आचरण और सोच से नई पीढ़ी का निर्माण होगा। शिक्षकों को सीखना कभी बंद नहीं करना चाहिए, क्योंकि सीखना ही उन्हें सशक्त बनाता है।” यह नियुक्ति शिक्षा को शक्ति, समाज को दिशा और राष्ट्र को भविष्य देने की ओर एक सुनियोजित कदम है। चंडीगढ़ अब शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल सिटी बनने की ओर अग्रसर है।
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