4 सितंबर : इतिहास के पन्नों में दर्ज आज का दिन
Babushahi Bureau
चंडीगढ़, 4 September 2025 : इतिहास सिर्फ तारीखों और घटनाओं का संग्रह नहीं होता, बल्कि यह हमें उन पलों की याद दिलाता है जिन्होंने दुनिया की दिशा और दशा तय की। 4 सितंबर का दिन भी एक ऐसा ही दिन है, जिसने अपने पन्नों में कई महत्वपूर्ण और यादगार घटनाओं को समेट रखा है। इस दिन जहां एक ओर मराठा साम्राज्य की एक महत्वपूर्ण संधि हुई, वहीं दूसरी ओर एक ऐसी त्रासदी भी घटी जिसने सैकड़ों लोगों की जान ले ली। भारत से लेकर दुनिया तक, आज का दिन कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है।
4 सितंबर की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं
1. 1665: मुगलों और छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच पुरंदर की संधि : आज ही के दिन, 1665 में, मुगल साम्राज्य और मराठा साम्राज्य के बीच 'पुरंदर की संधि' नामक एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह संधि मुगल सेनापति राजा जय सिंह प्रथम और मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच हुई थी, जिसने उस दौर की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला।
2. 1825: 'ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया' दादा भाई नौरोजी का जन्म : भारतीय राजनीति के पितामह और "ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया" के नाम से विख्यात दादा भाई नौरोजी का जन्म आज ही के दिन 1825 में हुआ था। वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद और ब्रिटिश संसद में चुने जाने वाले पहले भारतीय थे, जिन्होंने भारत के आर्थिक शोषण का मुद्दा उठाया।
3. 1888: महात्मा गांधी की इंग्लैंड यात्रा की शुरुआत : भारत के राष्ट्रपिता, मोहनदास करमचंद गांधी ने कानून की पढ़ाई के लिए आज ही के दिन 1888 में मुंबई से इंग्लैंड के लिए अपनी पहली समुद्री यात्रा शुरू की थी। यह यात्रा उनके जीवन और विचारों को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण साबित हुई।
4. 1967: कोयना बांध की त्रासदी : आज का दिन महाराष्ट्र के लिए एक दुखद याद लेकर आता है। 1967 में, कोयना नगर में एक विनाशकारी भूकंप के कारण कोयना बांध टूट गया था, जिससे भयानक बाढ़ आ गई। इस दुखद घटना में 200 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
5. 1985: 73 साल बाद सामने आईं टाइटैनिक की तस्वीरें : इतिहास के सबसे प्रसिद्ध जहाज, आरएमएस टाइटैनिक, जो 1912 में अपनी पहली ही यात्रा में डूब गया था, उसकी पहली तस्वीरें आज ही के दिन 1985 में दुनिया के सामने आई थीं। 73 साल तक गहरे समुद्र में दफन रहने के बाद उसके मलबे की खोज ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था।
6. 1998: गूगल की स्थापना : आज की डिजिटल दुनिया की नींव रखने वाली कंपनी, गूगल की औपचारिक स्थापना आज ही के दिन 1998 में लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन द्वारा की गई थी। इस एक घटना ने सूचना और संचार के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी।
निष्कर्ष
4 सितंबर का दिन हमें इतिहास के कई उतार-चढ़ावों की याद दिलाता है। यह दिन जहां एक ओर दादा भाई नौरोजी जैसे महान व्यक्तित्व के जन्म का प्रतीक है, वहीं कोयना बांध जैसी त्रासदियों का भी साक्षी रहा है। ये घटनाएं हमें सिखाती हैं कि इतिहास केवल अतीत का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक सबक भी है, जो हमें लगातार सीखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
MA
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