CGC Landran में परिवर्तन 2025 का शुभारंभ , पहले दिन रहा टेक्निकल, टैलेंट और परंपरा का अनोखा संगम
चंडीगढ़ 7 नवंबर 2025-चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज़ (सीजीसी) लांडरां ने अपने वार्षिक टेक्नो-कल्चरल फेस्ट परिवर्तन 2के25 का उद्घाटन बहुत हर्ष और उत्साह के साथ किया।ए लीप फ्रॉम ड्रीम्स टू डेस्टिनीज़’ थीम पर आधारित इस आयोजन में कल्चरल परफॉरमेंस, टेक्नीकल प्रतियोगिताओं, प्रोजेक्ट एग्जिबीशन और करियर-ओरिएंटेड पहलों का ज़बरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला। इस उत्सव का उद्देश्य स्टूडेंट्स को अपनी क्रिएटिविटी व्यक्त करने, इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज़ को एक्सप्लोर करने और भविष्य के करियर मार्गों की समझ विकसित करने के लिए एक मज़बूत मंच प्रदान करना था। इस उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में श्री विवेक अग्रवाल (आईआरएस), डायरेक्टर, शिक्षा डिपार्टमेंट, हरियाणा सरकार उपस्थित हुए। इसके साथ ही गणमान्य व्यक्तियों के रूप में श्री विजय कुमार शर्मा, साइंटिस्ट ‘जी’ एवं डायरेक्टर, सी-डैक मोहाली और श्री रंजन सरकार, ग्रुप सीएचआरओ, एलएनजी भीलवाड़ा, शामिल थे। इनके साथ श्री सतनाम सिंह संधू, चेयरमैन, सीजीसी लांडरां, और श्री रशपाल सिंह धालीवाल, प्रेसिडेंट, सीजीसी लांडरां भी उपस्थित रहे। अपने संबोधन में श्री संधू ने सीजीसी के एम्प्लॉईज़ और स्टूडेंट्स के समर्पण भावना और मेहनत की सराहना की, जिनकी बदौलत संस्थान ने 25 वर्षों की सफल विरासत स्थापित की है। उन्होंने परिवर्तन - यानी बदलाव को विकास का उत्प्रेरक बताते हुए इसे अपनाने के महत्व पर ज़ोर दिया और सीजीसी परिवार से ये प्रण लेने के लिए कहा कि वे उभरती तकनीकों को अपनाकर, इनोवेशन में निवेश करके और रिसर्च बेस्ड वातावरण को प्रोत्साहित करते हुए अपनी शैक्षणिक दृष्टि को आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय एजेंडे के साथ संरेखित करें। वहीं श्री अग्रवाल ने स्टूडेंट्स से ओरिजिनल रिसर्च और इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत को मौजूद आइडिआज़ की नकल करने के बजाय विज़नरी लीडर्स और इन्नोवेटर्स तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वास्तविक परिवर्तन भीतर से शुरू होता है और सशक्त युवा ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। परिवर्तन 2के25 के पहले दिन 30 रीजनल स्कूल्ज के 2,500 से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने भाग लिया। ये स्टूडेंट्स सीजीसी कैंपस में आयोजित करियर काउंसलिंग सेशंस में शामिल हुए और सीजीसी के फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स द्वारा आयोजित करियर फेयर में अकादमिक अवसरों की जानकारी प्राप्त की। इस प्रोग्राम का सबसे प्रमुख आकर्षण रहा प्रोजेक्ट एग्ज़ीबिशन, जिसमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, बायोटेक्नोलॉजी, फार्मेसी और होटल मैनेजमेंट के साथ साथ विभिन्न डिपार्टमेंट्स के स्टूडेंट्स ने अपने इनोवेटिव सोल्यूशंस प्रस्तुत किए। कुछ स्पेशल नोटेबल प्रोजेक्ट्स थे, “मायको मेज़िंग” - एक बायोटेक्नोलॉजी पहल, जो गेहूं के पराली को फंगल माइसीलियम की मदद से बायोडिग्रेडेबल बायो-कॉम्पोजिट्स में परिवर्तित करेगी। "ईको-एनर्जी हार्वेस्टर" - गेहूं की पराली से इलेक्ट्रिकल एनर्जी उत्पन्न करने वाला टूल, जिसका उपयोग सेंसर और मेडिकल डिवाइस के लिए किया जा सकेगा। स्मार्ट एकॉस्टिक-आधारित आवारा पशु निरोधक प्रणाली - इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स द्वारा विकसित एक तकनीक, जो ध्वनि-आधारित संकेतों से आवारा पशुओं को दूर रखने में मदद करेगी। टेक्निकल कम्पटीशन लगभग15 विभिन्न श्रेणियों में आयोजित किया गया - जैसे ड्रोनाथॉन, रोबो वॉर और डीबग बग बैटल। इस में चितकारा यूनिवर्सिटी, एमिटी, थापर इंस्टिट्यूट, जीएनडीईसी और एसवीआईईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के 400 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। इसके साथ ही सीजीसी लांडरां के 67 कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए नकद पुरस्कार और प्रशंसा प्रमाणपत्रों से सम्मानित किया गया। दिन का समापन एक रोमांचक सनबर्न कैंपस लाइव डीजे नाइट के साथ हुआ, जहां स्टूडेंट्स और गेस्ट्स ने संगीत और नृत्य के माध्यम से परिवर्तन की स्पिरिट को जमकर एन्जॉय किया।
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