पंजाबी भाषा का दक्षिण में होगा विस्तार: आंध्र प्रदेश के विद्यार्थी 5 दिवसीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान के दौरान सीखेंगे पंजाबी भाषा
पंजाबी भाषा का दक्षिण में होगा विस्तार-Andhra से होगा भाषाई आदान -प्रदान -पंजाब के स्कूली स्टूडेंट्स सीखेंगे तेलगु -आंध्रा के Students सीखेंगे पंजाबी
भाषाई विविधता और सांस्कृतिक एकता को प्रोत्साहित करने में पंजाब करेगा देश का नेतृत्व: हरजोत सिंह बैंस
चंडीगढ़, 24 मई, 2025:
पंजाब और देश-विदेश में बसे पंजाबियों के लिए यह गर्व की बात है कि आंध्र प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी अब सांस्कृतिक आदान-प्रदान, भाषाई विविधता और राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित 5 दिवसीय कार्यक्रम के तहत पंजाबी भाषा सीखेंगे। यह जानकारी पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने दी।
स हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के निर्देशों के अनुसार पंजाब और आंध्र प्रदेश को इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक समूह में रखा गया है। इस एक्सचेंज प्रोग्राम के हिस्से के रूप में, पंजाब के सरकारी स्कूलों में छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को तेलुगु भाषा की प्राथमिक जानकारी दी जाएगी, जबकि आंध्र प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी पंजाबी सीखेंगे।
उन्होंने बताया कि इस पेन इंडिया पहल में विभिन्न राज्यों के समूह बनाए गए हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को तमिलनाडु के साथ, हिमाचल प्रदेश को केरल के साथ, उत्तराखंड को कर्नाटक के साथ, हरियाणा को तेलंगाना के साथ, राजस्थान को असम के साथ, गुजरात को छत्तीसगढ़ के साथ, महाराष्ट्र को ओडिशा के साथ, गोवा को झारखंड के साथ, दिल्ली को सिक्किम के साथ, मध्य प्रदेश को मणिपुर और नागालैंड के साथ, उत्तर प्रदेश को अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के साथ, और बिहार को त्रिपुरा और मिजोरम के साथ रखा गया है, जो इस कार्यक्रम की व्यापक पहुंच और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की संभावनाओं को दर्शाता है।
PUNJABI GOES SOUTH: Students of government schools in Punjab will study Telugu - Students of government schools in Andhra Pradesh will learn Punjabi in Cultural Exchange Scheme
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस समर कैंप का उद्देश्य विद्यार्थियों को एक और भारतीय भाषा सीखने के लिए प्रेरित कर बहुभाषावाद और सांस्कृतिक साझेदारी को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृतियों की सुरक्षा के महत्व पर भी बल दिया।
स हरजोत सिंह बैंस ने ज़ोर देकर कहा कि मातृभाषा और राज्य की सरकारी भाषा होने के नाते पंजाबी के महत्व को किसी भी रूप में कम नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने उन लोगों की कड़ी आलोचना की जो केवल राजनीति करने के उद्देश्य से इस समर कैंप का विरोध कर रहे हैं।
स हरजोत सिंह बैंस ने इस कार्यक्रम की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे किसी भी मुद्दे को पूरी तरह से समझे बिना ही सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए मीडिया तक पहुंच जाते हैं। उन्होंने उन्हें मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा सीबीएसई की क्षेत्रीय भाषाओं को हाशिए पर डालने की कोशिश का डटकर विरोध करने की बहादुरी की याद दिलाई। उल्लेखनीय है कि पंजाब ने सभी स्कूलों में, चाहे वे किसी भी शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हों, पंजाबी को अनिवार्य विषय बनाकर एक अग्रणी कदम उठाया था।
उन्होंने यह भी कहा कि इस समर कैंप का उद्देश्य विद्यार्थियों को एक अतिरिक्त भारतीय भाषा सीखने के लिए प्रेरित कर बहुभाषावाद और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम मूलभूत संवाद कौशल विकसित करने, भाषाई और सांस्कृतिक संबंधों की खोज करने और हँसते-खेलते सीखने के अनुभवों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित होगा। इस दौरान विद्यार्थी बधाई देने, भावनाएं प्रकट करने, वर्णमाला, गिनती, गीत और आपसी संवाद के बुनियादी सिद्धांतों के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, इतिहास और रीति-रिवाजों के विभिन्न पहलुओं के बारे में भी बुनियादी जानकारी प्राप्त करेंगे।
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