पंजाब में साइलेंट किलर की Entry! दिखता नहीं, लेकिन धीरे-धीरे सबको कर रहा बीमार, हैरान कर देने वाली Report
महक अरोड़ा
5 जून 2025 : पंजाब से एक चौंकाने वाली और चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। राज्य में प्लास्टिक का बढ़ता इस्तेमाल अब हवा, पानी और मिट्टी को धीरे-धीरे ज़हर में बदल रहा है। 2019 से 2023 के बीच प्लास्टिक का उत्पादन 38% बढ़ चुका है, और इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर दिखने लगा है।
रोज़मर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक का दखल बढ़ा
पंजाब के लगभग हर घर में आज प्लास्टिक किसी न किसी रूप में मौजूद है – चाहे वो पानी की बोतल हो, शैम्पू का पैक, बिस्किट का रैपर, या कपड़े धोने वाला साबुन। इनमें से अधिकतर प्लास्टिक न तो रिसायकल होता है, न ही खत्म। वह कचरे के रूप में सड़कों, नालों और खेतों में जाकर वातावरण को जहरीला बना देता है।
सरकारी रिपोर्ट में खुलासा: उत्पादन में भारी उछाल
पर्यावरण मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार:
-
2019-20 में प्लास्टिक उत्पादन: 92,890 टन
-
2022-23 में उत्पादन: 1,28,744.64 टन
-
बढ़ोतरी: 38% से भी अधिक
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद, प्लास्टिक का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है।
क्या कर रही है सरकार?
राज्य सरकार ने प्लास्टिक बैन और रिसायक्लिंग के लिए कुछ योजनाएं ज़रूर लागू की हैं, लेकिन जमीन पर उनके नतीजे अब तक नजर नहीं आए हैं।
-
कई शहरों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं।
-
रिसायक्लिंग यूनिट्स बढ़ाने की योजनाएं बनी हैं, लेकिन उनमें से कई फाइलों में ही अटकी हुई हैं।
समस्या नहीं रुकी, तो आने वाला कल बेहद खतरनाक होगा
अगर प्लास्टिक का उपयोग इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो पंजाब के खेतों से लेकर पानी और हवा तक — हर चीज़ प्रदूषण का स्रोत बन जाएगी। फसलें जहरीली होंगी, पानी पीने लायक नहीं रहेगा और बीमारियां आम हो जाएंगी।
समाधान क्या है?
MA
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →