चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में क्षेत्रीय विद्युत सम्मेलन आयोजित, राज्यों से स्मार्ट ऊर्जा समाधान अपनाने का आह्वान
उत्तर भारत के राज्यों ने बिजली क्षेत्र में सहयोग, उत्पादन क्षमता और ट्रांसमिशन सुधार पर की चर्चा
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 6 जून 2025
केंद्रीय विद्युत, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में उत्तर भारत के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए क्षेत्रीय विद्युत सम्मेलन का आयोजन आज चंडीगढ़ में किया गया। इस अहम बैठक में बिजली क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों, भविष्य की तैयारियों और केंद्र-राज्य समन्वय पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के ऊर्जा और संबंधित विभागों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में अनिल विज (हरियाणा), हरभजन सिंह (पंजाब), एके शर्मा (उत्तर प्रदेश), आशीष सूद (दिल्ली), सुबोध उनियाल (उत्तराखंड), जावेद अहमद राणा (जम्मू-कश्मीर) और हीरालाल नागर (राजस्थान) प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
मुख्य बिंदु और केंद्रीय मंत्री के संबोधन की प्रमुख बातें:
? भारत बिजली पर्याप्त राष्ट्र बना:
श्री मनोहर लाल ने बताया कि मई 2024 में देश ने 250 गीगावाट की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया। अब भारत शून्य बिजली कमी वाले राष्ट्र में बदल चुका है।
? भविष्य की मांग के लिए तैयारी जरूरी:
2034-35 तक बिजली की अधिकतम मांग 446 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना है। इसे स्थायी रूप से पूरा करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सक्रिय समन्वय और दीर्घकालिक योजना आवश्यक है।
? स्मार्ट मीटरिंग और वितरण सुधार:
राज्यों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर को प्राथमिकता देने को कहा गया। अगस्त 2025 तक सभी सरकारी प्रतिष्ठानों और नवंबर 2025 तक बड़े उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।
? अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा:
श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत की कुल ऊर्जा क्षमता में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी 2014 में 32% से बढ़कर अप्रैल 2025 में 49% हो गई है। उन्होंने राज्यों से अक्षय ऊर्जा खरीद दायित्व (RPO) के पालन और भंडारण समाधान अपनाने की सलाह दी।
? साइबर सुरक्षा और आइलैंडिंग योजनाएं जरूरी:
बिजली ग्रिड को साइबर हमलों से बचाने और आपदा स्थिति में सिस्टम को बनाए रखने के लिए आइलैंडिंग प्लान की अहमियत पर जोर दिया गया।
? वित्तीय सुधारों पर बल:
उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को एटीएंडसी हानि में कमी, टैरिफ सुधार और सरकारी बकाया की समय पर अदायगी जैसे बिंदुओं पर तेजी से कार्य करना चाहिए। केंद्रीय बजट 2025-26 में 1.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी सहायता राज्यों को उपलब्ध कराई गई है।
? AI/ML आधारित डेटा एनालिटिक्स:
स्मार्ट मीटर के माध्यम से उपभोक्ता व्यवहार को समझने और उपभोक्ता अनुभव सुधारने के लिए एआई/एमएल तकनीकों के उपयोग की संभावनाएं उजागर की गईं।
विद्युत सचिव का संबोधन:
भारत सरकार के सचिव (विद्युत) ने राज्यों को 2035 तक की संसाधन पर्याप्तता योजना के अनुरूप अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की सलाह दी। उन्होंने वित्तपोषण के नए मॉडल जैसे टीबीसीबी, आरटीएम और परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण पर भी प्रकाश डाला।
यह क्षेत्रीय विद्युत सम्मेलन केंद्र और राज्यों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने, आधुनिक ट्रांसमिशन नेटवर्क और नवाचार-आधारित वितरण प्रणाली को विकसित करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि –
“हम सबको मिलकर हर समय, सबके लिए बिजली सुनिश्चित करनी है।”
यह सम्मेलन भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की ऊर्जा आधारशिला तैयार करने की दिशा में मील का पत्थर है।
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