संपत्ति विलेखों के पंजीकरण में लापरवाही पर हरियाणा सरकार सख्त, डॉ. सुमिता मिश्रा ने दिए कड़े निर्देश
शहरी क्षेत्रों में नियमों के उल्लंघन पर उपायुक्तों को चेतावनी, अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 6 जून 2025 – हरियाणा सरकार ने संपत्ति विलेखों के पंजीकरण के मामलों में हो रही अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। वित्त आयुक्त राजस्व एवं गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी कर संपत्ति पंजीकरण संबंधी नियमों के कड़ाई से पालन को सुनिश्चित करने को कहा है।
डॉ. मिश्रा ने स्पष्ट किया कि यह कदम उन रिपोर्टों के आधार पर उठाया गया है, जिनमें यह सामने आया कि उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक अक्सर हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा-7ए का उल्लंघन कर रहे हैं।
क्या कहता है कानून?
इस अधिनियम के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में किसी भी संपत्ति के विक्रय, लीज या उपहार विलेख के पंजीकरण से पहले संबंधित जिला नगर योजनाकार (DTP) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना अनिवार्य है। लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, कई मामलों में यह प्रक्रिया पूरी किए बिना ही विलेखों का पंजीकरण कर दिया गया।
जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
डॉ. मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार नियमों के उल्लंघन को लेकर गंभीर है और यदि किसी भी अधिकारी द्वारा धारा 7-ए के तहत निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जारी किया गया स्पष्ट निर्देश
डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों से कहा है कि वे अपने-अपने जिलों के उप-पंजीयकों को स्पष्ट निर्देश दें कि बिना NOC के किसी भी विलेख का पंजीकरण न किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी रजिस्ट्रेशन अधिकारियों की कार्यप्रणाली की निगरानी बढ़ाई जाएगी और नियमों की पालना सुनिश्चित की जाएगी।
पृष्ठभूमि में बढ़ते मामलों की आशंका
पिछले कुछ समय से यह देखने में आ रहा है कि कई शहरी इलाकों में अवैध कॉलोनियों और गैर-मान्यता प्राप्त प्लॉटों की बिक्री NOC के बिना की जा रही है, जिससे शहरी नियोजन में अव्यवस्था फैल रही है।
विशेषज्ञों की राय
शहरी नियोजन विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्देश लंबे समय से आवश्यक था। यदि NOC की शर्त को दरकिनार कर रजिस्ट्रेशन होता रहा तो इससे न सिर्फ शहरी ढांचे पर असर पड़ेगा, बल्कि आमजन को भी भविष्य में कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा।
हरियाणा सरकार का यह सख्त रुख शहरी क्षेत्रों में पारदर्शी और कानूनी पंजीकरण प्रक्रिया को मजबूत करेगा। साथ ही, इससे भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी करने वालों पर नकेल कसी जाएगी। आने वाले दिनों में इस पर प्रशासन की कार्रवाई और निगरानी और अधिक सख्त होने की संभावना है।
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