चंडीगढ़ नगर निगम सख्त: बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली न मानने पर 7 जून से कार्रवाई, फर्जी कर्मचारियों पर शिकंजा
वेतन प्रणाली से जुड़ी उपस्थिति व्यवस्था, पंजीकरण पर तत्काल रोक के आदेश
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 6 जून 2025:
नगर निगम चंडीगढ़ ने आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को गंभीरता से लागू करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। निगम आयुक्त अमित कुमार, आईएएस ने आदेश जारी करते हुए कहा कि 7 जून 2025 से किसी भी कर्मचारी का नया पंजीकरण नहीं किया जाएगा, ताकि फर्जी कर्मचारियों की पहचान की जा सके और उन्हें सिस्टम से बाहर किया जा सके।
बायोमेट्रिक प्रणाली से जोड़ा वेतन
आयुक्त ने स्पष्ट किया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति अब सीधे वेतन वितरण प्रणाली से जुड़ी है। यानी यदि कोई कर्मचारी नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज नहीं कराता है या उसका आधार पंजीकरण सक्रिय नहीं है, तो उसका वेतन भी प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी को अब किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी, और यह प्रणाली सभी के लिए समान रूप से अनिवार्य है।
पारदर्शिता और जवाबदेही का लक्ष्य
नगर निगम ने यह फैसला सार्वजनिक धन के पारदर्शी और जवाबदेह उपयोग के उद्देश्य से लिया है। निगम की लेखा शाखा को निर्देश दिया गया है कि वह प्रत्येक कर्मचारी का विस्तृत विवरण — जैसे मासिक वेतन, भत्ते, और अन्य भुगतान — संकलित करके प्रस्तुत करे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वास्तविक और सक्रिय कर्मचारी ही निगम के पेरोल पर रहें।
आयुक्त का सख्त संदेश
अमित कुमार ने कहा:“नगर निगम अनुशासन, पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम सिस्टम में व्याप्त अनियमितताओं को खत्म करने की दिशा में एक अहम प्रयास है। हम चाहते हैं कि हर कर्मचारी अपनी उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज करे और प्रणाली का ईमानदारी से पालन करे।”
सभी विभागों को आदेश का पालन अनिवार्य
नगर निगम चंडीगढ़ ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का अक्षरशः पालन करें और सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली में सक्रिय और पंजीकृत हों।
यह कदम न केवल प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक मजबूत पहल है, बल्कि निगम के भीतर कर्तव्यनिष्ठा और पारदर्शिता को भी सुदृढ़ करता है।
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