ग्रेन मार्केट चौक बना ट्रैफिक पुलिस की वसूली का अड्डा, व्यापारियों में रोष, कारोबार पर असर
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 12 जून 2025 – चंडीगढ़ का ग्रेन मार्केट जंक्शन अब केवल ट्रैफिक पॉइंट नहीं, बल्कि ट्रैफिक पुलिस की कथित "कमाई" का बड़ा केंद्र बन चुका है। यह चौक अब पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से आने वाली गाड़ियों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इस चौक पर बिना किसी ट्रैफिक उल्लंघन के भी बाहरी राज्यों की गाड़ियों को रोककर अवैध वसूली की जा रही है।

मध्य मार्ग पर गाड़ी रोकना नियमों के खिलाफ, फिर भी रोज़ की कहानी
यह ट्रैफिक नियमों के खिलाफ है कि किसी गाड़ी को मेन कैरिजवे यानी मुख्य सड़क के बीच में रोका जाए, लेकिन ग्रेन मार्केट जंक्शन पर यही आम हो गया है। पुलिसकर्मी सड़क के बीचों-बीच खड़े होकर बाहरी राज्यों की गाड़ियां रुकवा लेते हैं, और स्थानीय नंबर की गाड़ियों को आसानी से जाने दिया जाता है।
सबसे "महंगी" ड्यूटी पोस्ट?
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि ग्रेन मार्केट जंक्शन पर ड्यूटी लगाने के लिए ट्रैफिक विंग के मुंशी स्टाफ के बीच बोली लगाई जाती है, और यह जंक्शन सबसे ऊंची बोली वाला पॉइंट माना जाता है। क्योंकि यहां रोज़ाना बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों से गाड़ियां आती हैं, इसलिए वसूली की संभावना भी अधिक होती है। यही कारण है कि पुलिसकर्मी यहां तैनाती के लिए खुद आवेदन करते हैं — वो भी कीमत चुकाकर।
मंडी व्यापार पर सीधा असर
ग्रेन मार्केट के पास स्थित अनाज मंडी में हर दिन सैकड़ों व्यापारी पंजाब और हिमाचल से कारोबार के लिए आते हैं। लेकिन अब हालात ये हैं कि पुलिस की इस मनमानी से परेशान होकर कई व्यापारियों ने चंडीगढ़ की मंडी आना बंद कर दिया है। एक व्यापारी ने बताया, “हर बार बेवजह गाड़ी रोककर डराया जाता है। अगर चालान न हो तो पैसे मांगते हैं। ये रोज़ का काम हो गया है।”
प्रशासन मौन, समाधान की आस
परेशान वाहन चालकों और व्यापारियों की मांग है कि ग्रेन मार्केट सहित अन्य ट्रैफिक पॉइंट्स पर पारदर्शिता लाई जाए और बाहरी राज्यों की गाड़ियों को जानबूझकर टारगेट करने की नीति पर रोक लगे। अब सबकी निगाहें प्रशासन और ट्रैफिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब या कार्रवाई नहीं की गई है।
चंडीगढ़ जैसे नियोजित और अनुशासित शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में अगर इस तरह की अव्यवस्था और अवैध वसूली का बोलबाला रहा, तो न केवल शहर की छवि धूमिल होगी, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों और अंतरराज्यीय भरोसे पर भी गहरा असर पड़ेगा।
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