गुजरात ने अपना पूर्व मुख्यमंत्री खोया — विजय रूपाणी का विमान हादसे में निधन, बचपन से अब तक का सफर इस रिपोर्ट में पढ़ें
महक अरोड़ा
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का आज एक दुखद विमान हादसे में निधन हो गया। बता दे कि लंदन जा रही इस फ्लाइट में 242 लोग मौजूद थे। इनमें गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी थे। जिसमें उनकी मौत हो गई।
संघ से मुख्यमंत्री तक: विजय रूपाणी का राजनीतिक सफर
विजय रूपाणी का जीवन भारतीय राजनीति के उन आदर्श उदाहरणों में से एक रहा, जहां एक साधारण स्वयंसेवक से लेकर राज्य के शीर्ष पद तक पहुंचा जा सकता है।
उनका जन्म रायंगून (अब यंगून, म्यांमार) में हुआ था, लेकिन शिक्षा उन्होंने राजकोट में प्राप्त की।
कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने ABVP और RSS से जुड़कर समाजसेवा और विचारधारा से जुड़ी राजनीति में कदम रखा।
1987 में उन्होंने अपना राजनीतिक करियर राजकोट नगर निगम बोर्ड के सदस्य के रूप में शुरू किया।
1996–97 में वे राजकोट के मेयर बने, और इसके बाद 2006 से 2012 तक राज्यसभा सांसद रहे।
2013 में उन्हें गुजरात म्युनिसिपल फाइनेंस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया।
2014 में वे भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष नियुक्त हुए और राज्य सरकार में उप-मंत्री बने।
अगस्त 2016 में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और दिसंबर 2017 में दोबारा निर्वाचित हुए।
उन्होंने 2016 से 2021 तक गुजरात का नेतृत्व किया।
मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी संगठन में सक्रिय रहे
11 सितंबर 2021 को विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। यह फैसला भाजपा की चुनावी रणनीति और कोविड-19 के बाद बदले राजनीतिक समीकरणों के तहत लिया गया था।
हालांकि सीएम पद से हटने के बाद भी वे पार्टी से गहराई से जुड़े रहे। विशेष रूप से पंजाब में भाजपा के लिए चुनावी मोर्चों पर वे सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। संगठन के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण अंतिम समय तक बना रहा।
सामाजिक संवेदनशीलता और परिवारिक जीवन
विजय रूपाणी को एक संवेदनशील, संयमी और सामाजिक रूप से जागरूक नेता माना जाता था।
उनके परिवार में पत्नी अंजली रूपाणी, एक बेटा और एक बेटी हैं। बेटी लंदन में रहती हैं, जबकि बेटा पारिवारिक व्यापार संभालते हैं।
उनके छोटे बेटे पुजित का निधन बहुत कम उम्र में हो गया था, जिनकी याद में उन्होंने “Pujit Rupani Memorial Trust” की स्थापना की, जो वर्षों से समाजसेवा में सक्रिय रहा है।
शिक्षा, व्यवसाय और जनसेवा में संतुलन
रूपाणी ने बीए और लॉ की पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने अपने पारिवारिक व्यापार ‘Rasiklal & Sons’ में भागीदारी निभाई और साथ ही स्टॉक ब्रोकिंग के क्षेत्र में भी कार्य किया।
राजनीति में आने के बाद उन्होंने कई जन-कल्याणकारी योजनाओं में अग्रणी भूमिका निभाई— SAUNI योजना को ज़मीन पर उतारने में योगदान दिया।
विधवा पेंशन योजना में सुधार किया। और राज्य की कई सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एक ऐसा नेता, जो हर वर्ग से जुड़ा रहा
विजय रूपाणी को जनता के बीच एक सर्वमित्र मुख्यमंत्री के तौर पर जाना जाता था। वे हर वर्ग और समुदाय के लिए सहज उपलब्ध रहने वाले नेता थे।
उनका कार्यकाल विवादों से दूर, प्रशासनिक स्थिरता और जनसंवेदनशीलता से भरा रहा। चाहे चुनावी मंच हो या विधान सभा — रूपाणी का व्यवहार हमेशा संयमित और मर्यादित रहा।
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