हरियाणा मानवाधिकार आयोग को मिला कानूनन योग्य सचिव, जयबीर सिंह आर्य की तैनाती
एडवोकेट हेमंत कुमार की शिकायत पर आयोग ने लिया था संज्ञान, छह महीने से सचिव रैंक का अधिकारी नहीं था तैनात
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 13 जून 2025:
हरियाणा सरकार ने अंततः हरियाणा मानवाधिकार आयोग के सचिव पद पर कानूनन योग्य सचिव रैंक के आईएएस अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। बीती शाम (12 जून) जारी तीन दर्जन अधिकारियों के तबादला आदेशों में 2009 बैच के आईएएस अधिकारी जयबीर सिंह आर्य को आयोग के सचिव पद पर तैनात किया गया है।
इससे पूर्व, इस पद पर 2014 बैच के आईएएस अधिकारी अनीश यादव कार्यरत थे, जिन्हें छह महीने पूर्व मुख्य रूप से हिसार के उपायुक्त (डीसी) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी)-हिसार के प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में 1 दिसंबर 2024 को उन्हें मानवाधिकार आयोग में सचिव का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया, जबकि वे विशेष सचिव रैंक में थे — जो कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 27(1)(ए) के अनुसार इस पद के लिए अयोग्य है।
यह मामला तब उठा जब एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस कानूनी विसंगति को लेकर आयोग में शिकायत दर्ज कराई। आयोग के सदस्य दीप भाटिया ने 29 मई 2025 को इस पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
हेमंत कुमार ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले 6 दिसंबर 2024 को आयोग के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस ललित बत्रा व अन्य सदस्यों को इस नियुक्ति के विरुद्ध कानूनी अभ्यावेदन और ऑनलाइन शिकायत भेजी थी। उन्होंने अपने अभ्यावेदन में यह स्पष्ट किया था कि विशेष सचिव रैंक का अधिकारी, सचिव के समकक्ष नहीं होता, और इस कारण अनीश यादव की नियुक्ति कानून के खिलाफ थी।
नव-नियुक्त सचिव जयबीर सिंह आर्य को इस वर्ष की शुरुआत में सुपर टाइम स्केल में पदोन्नति दी गई थी, जिससे वे अब प्रदेश सरकार के सचिव रैंक में आ चुके हैं और आयोग में उनकी तैनाती कानून सम्मत है।
हालांकि, यह पहला अवसर है जब किसी ने मानवाधिकार आयोग की सचिव पद की नियुक्ति को लेकर लिखित आपत्ति दर्ज कराई। इससे पहले कई बार सरकार ने सचिव रैंक से नीचे के आईएएस या एचसीएस अधिकारियों को इस पद पर नियुक्त किया, लेकिन कभी कोई औपचारिक ऐतराज़ सामने नहीं आया था।
एडवोकेट हेमंत कुमार ने कहा, “सरकार की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि जब किसी पद के लिए कानूनन पात्रता निर्धारित है, तो तैनाती उसी के अनुरूप की जाए। वरना यह न केवल नियमों की अवहेलना है, बल्कि संस्थाओं की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करती है।”
बहरहाल, अब सचिव पद पर योग्य अधिकारी की नियुक्ति के बाद हरियाणा मानवाधिकार आयोग में प्रशासनिक स्थिति पुनः विधिसम्मत हो गई है, जिससे आयोग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और मजबूती की उम्मीद की जा रही है।
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