CTU कर्मचारियों को बिना परमिशन प्रदर्शन करना पड़ा महंगा, प्रधान सहित 10 कर्मचारियों व अन्य पर केस दर्ज
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 17 जून 2025:
आईएसबीटी-43 चंडीगढ़ में बिना अनुमति के प्रदर्शन करना सीटीयू कर्मचारियों को भारी पड़ गया। परिवहन निदेशक एसएच प्रद्युम्न सिंह की शिकायत पर सेक्टर-36 थाना पुलिस ने प्रधान सहित 10 कर्मचारियों व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
यह प्रदर्शन 16 जून 2025 को किया गया था, जिसमें सीटू से जुड़े कर्मचारी चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) की नीतियों और लंबित मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए थे। प्रदर्शनकारियों ने बिना किसी वैध अनुमति के आईएसबीटी-43 परिसर में धरना दिया, जिससे बस सेवाओं और आमजन की आवाजाही पर असर पड़ा।
पुलिस ने इस मामले में एफआईआर नंबर 139, धारा 223 बीएनएस के तहत केस दर्ज किया है। जिन कर्मचारियों के नाम एफआईआर में दर्ज की, जिसमे
जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमे
जोगिंदर सिंह (प्रधान, टायरमैन)
ओम प्रकाश (ड्राइवर नं. 537)
रविश कुमार (ड्राइवर नं. 124)
मलकीत सिंह (ड्राइवर नं. 146)
हकम सिंह (कंडक्टर नं. 389)
सुरेंद्र कुमार (ड्राइवर नं. 31)
दिनेश (कंडक्टर नं. 903)
नवीन कुमार (कंडक्टर नं. 176)
धर्मिंदर सिंह राही (ड्राइवर नं. 178)
अशोक कुमार (कंडक्टर नं. 670)
तथा अन्य अज्ञात प्रदर्शनकारी।
पुलिस को दी शिकायत के अनुसार, ये कर्मचारी और अन्य प्रदर्शनकारी बिना किसी वैध अनुमति के आईएसबीटी-43 परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे थे, जिससे न केवल सार्वजनिक व्यवस्था बाधित हुई, बल्कि यातायात और बस सेवाओं में भी अवरोध उत्पन्न हुआ।
पुलिस के अनुसार, यह धरना प्रशासनिक नियमों और चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) की अनुशासनात्मक नीतियों का उल्लंघन था। प्रदर्शनकारियों ने न तो जिला प्रशासन से अनुमति ली थी, न ही किसी प्रकार की पूर्व सूचना दी थी, जिससे यह प्रदर्शन अवैध घोषित किया गया।
मामले की जांच चल रही है और पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इस प्रदर्शन के पीछे किस संगठन या यूनियन की भूमिका रही। सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शन कर्मचारियों की कुछ लंबित मांगों को लेकर किया गया था, परंतु नियमानुसार ऐसा करना कानूनन अपराध है।
परिवहन निदेशालय और चंडीगढ़ प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि अनुशासनहीनता, सेवा बाधा और प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की ओर से प्रदर्शन के वीडियो फुटेज और मौके पर मौजूद अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर अन्य नामजद कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
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