राधिका यादव हत्याकांड: आरोपी पिता दीपक यादव 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, महाबीर फोगाट ने की सख्त सजा की मांग
टेनिस कोच ने बताया- राधिका हमेशा पिता के साथ आती-जाती थी, थी होनहार खिलाड़ी
बाबूशाही ब्यूरो
गुरुग्राम, 12 जुलाई 2025।
राधिका यादव हत्याकांड मामले में आरोपी पिता दीपक यादव को शनिवार को एक दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए हैं। इस दिल दहला देने वाले मामले में अब देश भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिसमें बेटियों की आजादी और सम्मान को लेकर चिंता जताई जा रही है।
महाबीर फोगाट ने की कड़ी सजा की मांग
द्रोणाचार्य अवार्डी और अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच महाबीर फोगाट ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय बताया। उन्होंने कहा, "जो कुछ राधिका के साथ हुआ, वह एक घृणित अपराध है। अगर कोई परेशानी थी, तो माता-पिता को बेटी से बातचीत करनी चाहिए थी, ना कि ऐसा क्रूर कदम उठाना चाहिए था।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने अपनी बेटियों को फ्री हैंड दिया। बेटियों को बेटों की तरह मौका और सम्मान दिया जाए तो वो समाज का नाम रोशन कर सकती हैं। राधिका जैसे होनहार खिलाड़ियों को इस तरह खो देना पूरे खेल जगत के लिए दुखद है।"
कोच अंकित यादव ने बयां किया राधिका का समर्पण
राधिका यादव के पूर्व कोच अंकित यादव ने बताया कि राधिका टेनिस में बेहद प्रतिभाशाली थी। "वह हमेशा अपने पिता के साथ आती-जाती थी। मैंने उसे कभी किसी और के साथ नहीं देखा। कोविड के समय वह गुरुग्राम में अंकित पटेल से ट्रेनिंग ले रही थी और उसने जूनियर लेवल पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था।"
FIR में सामने आई दिल दहला देने वाली सच्चाई
पुलिस एफआईआर के मुताबिक, 10 जुलाई की सुबह करीब 10:30 बजे जब राधिका यादव किचन में काम कर रही थी, तभी उसके पिता दीपक यादव ने पीछे से अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से उस पर गोली चला दी। मौके पर ही राधिका की मौत हो गई।
पूछताछ में आरोपी पिता ने बताया कि राधिका एक टेनिस एकेडमी चलाती थी, और वह उसे बंद करवाना चाहता था क्योंकि समाज में उसे ताना मिल रहे थे कि वह अपनी बेटी की कमाई खा रहा है।
समाज को झकझोरने वाला मामला
यह मामला न सिर्फ एक बेटी की दर्दनाक हत्या का है, बल्कि बेटियों को बराबरी का दर्जा देने की मुहिम पर भी सवाल खड़े करता है। राधिका जैसी होनहार बेटी को खोकर न सिर्फ एक परिवार, बल्कि पूरा खेल जगत और समाज गहरे सदमे में है।
सरकार और समाज से अब यह उम्मीद की जा रही है कि बेटियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि फिर किसी राधिका को अपने ही घर में अपनी पहचान की कीमत ना चुकानी पड़े।
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